#मेदिनीनगर #एमएमसीएचनिरीक्षण — उपायुक्त ने ट्रॉली मैन की अनुपस्थिति, अल्ट्रासाउंड में अनियमितता और स्टाफ की लापरवाही पर जताई नाराजगी
- उपायुक्त समीरा एस ने एमएमसीएच का पहला निरीक्षण कर 4 घंटे तक की गहन समीक्षा
- अल्ट्रासाउंड जांच की अनियमितता पर मनीपाल हेल्थ मैप के मैनेजर को दी चेतावनी
- ट्रॉली मैन नहीं होने पर बालाजी सुपरवाइजर को लगाई फटकार, महिला को खुद चढ़ाना पड़ा था ऊपर
- सभी ओपीडी वार्डों, मेडिसिन, सर्जरी, दंत, पैथोलॉजी और एक्स-रे यूनिट का किया निरीक्षण
- साफ-सफाई, स्टाफ ड्यूटी रूटीन और पेंटिंग कार्यों को लेकर दिए सख्त निर्देश
- 24×7 सिटी स्कैन, एमआरआई और एक्स-रे सेवा सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया
4 घंटे चला निरीक्षण, सभी सेवाओं की ली विस्तृत जानकारी
मेदिनीनगर: पलामू उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी समीरा एस ने गुरुवार को एमएमसीएच परिसर का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजे तक चला, जिसमें उन्होंने वार्ड-दर-वार्ड जाकर व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता, स्टाफ की उपस्थिति, उपकरणों की उपलब्धता और सफाई व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की।
स्टाफ को मिली चेतावनी, ड्यूटी समय पालन पर जोर
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने कई अस्पताल कर्मियों को कार्यशैली में सुधार लाने और समय से ड्यूटी पूरा करने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अल्ट्रासाउंड सेवा पर उठे सवाल, मैनेजर को फटकार
मनीपाल हेल्थ मैप द्वारा संचालित अल्ट्रासाउंड सेवा में अनियमितता सामने आने पर उपायुक्त ने कड़ा रुख अपनाया। जब एक स्टाफ ने बताया कि सप्ताह में 3 दिन अल्ट्रासाउंड होता है और मैनेजर ने कहा 4 दिन, तो उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए मैनेजर शैलेंद्र सिंह को चेतावनी दी। साथ ही निर्देश दिया कि सप्ताह में कम-से-कम 6 दिन अल्ट्रासाउंड सेवा उपलब्ध होनी चाहिए।
ओपीडी, एक्स-रे, दवा केंद्र से लेकर नेत्र, दंत, चर्म रोग वार्ड तक निरीक्षण
डीसी ने जीएनएम बिल्डिंग स्थित मेडिसिन ओपीडी, एक्स-रे एवं अल्ट्रासाउंड, नेत्र ओपीडी, सर्जरी, ऑर्थो, कान-नाक-गला, चर्म, दंत रोग, पैथोलॉजी और अन्य वार्डों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रत्येक वार्ड में डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति की स्थिति, स्टाफ की संख्या, जरूरतें और मरीजों की सुविधा का आंकलन किया।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य यूनिट में ट्रॉली मैन की अनुपस्थिति, फटकार
निरीक्षण के दौरान जब उपायुक्त मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य यूनिट पहुंची, तो वहां कीशुनपुर से आई एक गर्भवती महिला को उसके परिजन स्वयं ऊपर ले जा रहे थे। ट्रॉली मैन की अनुपस्थिति देख उपायुक्त ने बालाजी के सुपरवाइजर को तलब कर सख्त फटकार लगाई और तुरंत ट्रॉली उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने शिशु यूनिट के बाथरूम के टूटे दरवाजे की मरम्मत का भी निर्देश दिया और सफाई कर्मियों तथा ट्रॉली मैन की विभागवार संख्या सहित विवरण लेकर कार्यालय में उपस्थित होने को कहा।
हर विभाग को दिए जरूरी निर्देश
निरीक्षण में उपायुक्त ने कई विभागों के कार्यों की समीक्षा करते हुए सिविल सर्जन, एमएमसीएच के सुपरीटेंडेंट, डॉ आर.के. रंजन सहित मौजूद अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि सभी सेवाएं निरंतर एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से संचालित हों। पेंटिंग के कार्यों को 30 जून तक पूर्ण करने के भी निर्देश दिए गए।
न्यूज़ देखो: जनस्वास्थ्य की निगरानी का सजग उदाहरण
उपायुक्त का यह निरीक्षण स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति को परखने का ठोस प्रयास था। इससे स्पष्ट है कि जिलास्तरीय प्रशासन अब कागजों की बजाय जमीनी सच्चाई पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन निर्देशों का पालन होगा और एमएमसीएच जैसे संस्थान में इलाज कराने वालों को राहत मिलेगी।
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सजग नागरिक ही लाते हैं सिस्टम में सुधार
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