
#पलामू #ग्रामीण_विकास : मुखिया चिंता देवी के नेतृत्व में मनरेगा प्रभात फेरी निकालकर ग्रामीणों को योजना की जानकारी दी गई।
- पांकी प्रखंड के लोहरसी पंचायत में मनरेगा प्रभात फेरी का आयोजन।
- कार्यक्रम का नेतृत्व मुखिया चिंता देवी ने किया।
- उद्देश्य—ग्रामीणों को मनरेगा योजना और उसके लाभ से जोड़ना।
- फेरी में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और पंचायत कर्मियों की सक्रिय भागीदारी।
- नारे और संवाद के माध्यम से आत्मनिर्भरता का संदेश दिया गया।
पांकी प्रखंड के लोहरसी पंचायत में आज मनरेगा जागरूकता अभियान के तहत प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व पंचायत की मुखिया चिंता देवी ने किया। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों को मनरेगा योजना की जानकारी देना और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ना था। पंचायत भवन से आरंभ हुई प्रभात फेरी में जनप्रतिनिधियों, पंचायत कर्मियों और स्थानीय ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। फेरी के दौरान प्रतिभागियों ने गांवों में जाकर लोगों को मनरेगा के महत्व और लाभों के बारे में बताया।
मुखिया चिंता देवी ने दिया प्रेरक संदेश
मुखिया चिंता देवी ने कहा कि “हर हाथ को काम, गांव में खुशहाली का नाम। सौ दिन का काम है हमारा अधिकार, दूर होगा हर अंधकार।” उन्होंने आगे कहा कि “मनरेगा योजना ग्रामीण विकास की रीढ़ है, इसका सही लाभ तभी मिलेगा जब हर पात्र परिवार अपना जॉब कार्ड बनवाए और सरकार द्वारा दी जा रही सौ दिनों के रोजगार की गारंटी का लाभ उठाए।”
प्रभात फेरी के दौरान लोगों ने प्रेरणादायक नारे लगाए — “जॉब कार्ड बनाओ, सौ दिन का रोजगार पाओ”, “काम हमारा, पैसा हमारा — यही है मनरेगा का प्यारा नारा।” ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर यह संदेश दिया कि सामूहिक प्रयासों से ही गांव का समग्र विकास संभव है।
पारदर्शिता और सहभागिता पर दिया जोर
प्रभात फेरी के उपरांत पंचायत भवन में एक संक्षिप्त बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में रोजगार सृजन, मजदूरों को समय पर भुगतान, कार्य में पारदर्शिता और महिलाओं की सहभागिता जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। मुखिया ने कहा कि पंचायत स्तर पर हर ग्रामीण को योजना से जोड़ना और लाभ दिलाना ही अभियान का प्रमुख उद्देश्य है।
कार्यक्रम में समाजसेवी अरविंद कुमार सिंह, रोजगार सेवक प्रकाशवर्धन नारायण, पंचायत सेवक तुलसी कुमार, रोहित प्रजापति, सुनेश्वर कुमार, आर्यानंद शर्मा, दिलीप गोस्वामी, अमन अंसारी, नियाजुल अंसारी, महराज यादव, राजू यादव सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित रहे।
मुखिया चिंता देवी ने कहा: “मनरेगा सिर्फ रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। हमें इस योजना के माध्यम से गांव को विकसित और समृद्ध बनाना है।”
न्यूज़ देखो: मनरेगा से बढ़ेगी ग्रामीण आत्मनिर्भरता
यह अभियान दिखाता है कि जब पंचायत स्तर पर नेतृत्व सक्रिय होता है, तो सरकारी योजनाओं का लाभ गांव-गांव तक पहुँचता है। लोहरसी की यह पहल पूरे जिले के लिए उदाहरण है, जो बताती है कि जागरूकता और सामूहिक भागीदारी से ही मनरेगा जैसी योजनाओं का वास्तविक प्रभाव सामने आता है।
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आत्मनिर्भर गांव, सशक्त भारत
गांव के हर हाथ में काम, यही असली विकास का आधार है। मनरेगा जैसी योजनाएं तभी सफल होंगी जब हर ग्रामीण अपने अधिकार को समझे और सक्रिय रूप से जुड़ें। आइए, हम सब मिलकर अपने गांवों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर को साझा करें और ग्रामीण विकास की इस मुहिम का हिस्सा बनें।




