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गर्व के क्षण: झारखंड बना एशिया का पहला राज्य, जिसने किया एनर्जी ट्रांजिशन रेडीनेस इंडेक्स फ्रेमवर्क पर एमओयू

#रांची #ऊर्जाप्रक्षेत्रसमझौता — योजना भवन में झारखंड सरकार और स्वनिति इनिशिएटिवस के बीच हुआ ऐतिहासिक एमओयू, शून्य कार्बन उत्सर्जन को लेकर बड़ा कदम

क्लीन एनर्जी को लेकर झारखंड सरकार की बड़ी पहल

रांची: झारखंड सरकार के योजना एवं विकास विभाग और स्वनिति इनिशिएटिवस के बीच गुरुवार को एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किया गया। यह समझौता शून्य कार्बन उत्सर्जन और स्वच्छ एवं सुरक्षित ऊर्जा प्राप्त करने की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। नेपाल हाउस स्थित योजना भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर और योजना सचिव मुकेश कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

एशिया में पहली बार बना ऐसा फ्रेमवर्क

समझौते के अनुसार, झारखंड पहला राज्य होगा जो Energy Transition Readiness Index Framework को अपनाकर देश ही नहीं, बल्कि एशिया का पहला Champion State बनने जा रहा है। इस फ्रेमवर्क के जरिए राज्य में क्लीन एनर्जी और कार्बन न्यूट्रल लक्ष्य को नीति स्तर पर लागू किया जाएगा, ताकि सभी संबंधित विभाग इस दिशा में समन्वित कार्य कर सकें।

2030 तक SDG लक्ष्य को पूरा करने का रोडमैप

कार्यक्रम में Swaniti Initiatives की ट्रस्टी उमा भट्टाचार्य ने विषय का प्रवेश कराया और इसे Sustainable Development Goals (SDGs) के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक बताया। Energy Transition Readiness Index तैयार होने के बाद, झारखंड न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं में अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा।

योजना सचिव ने की पहल की व्याख्या

योजना एवं विकास विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने इस फ्रेमवर्क की सारगर्भितता और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसी तरह की योजनाओं को अन्य विभागों के साथ मिलकर भी लागू किया जाएगा। उन्होंने झारखंड के ऊर्जा उत्पादन में कोयले पर निर्भरता और उसके दूरगामी प्रभावों की चर्चा की और बताया कि क्लीन एनर्जी की ओर बढ़ना अब समय की मांग है।

मंत्री ने की योजना सचिव की प्रशंसा

मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपने संबोधन में इस पहल को राज्य की विकास यात्रा में मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि योजना एवं विकास विभाग को ‘Mother of All Departments’ कहा जाता है, और इसकी भूमिका राज्य की नीति निर्धारण में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विभागीय सचिव को इस मत्वपूर्ण पहल के लिए साधुवाद भी दिया।

राधाकृष्ण किशोर ने कहा: “ऊर्जा के बेहतर उपयोग, कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण और वैश्विक प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए झारखंड ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।”

एमओयू पर अधिकारियों ने किए हस्ताक्षर

इस समझौते पर योजना एवं विकास विभाग की ओर से संयुक्त सचिव अनिलसन लकड़ा और Swaniti Initiatives की ओर से ट्रस्टी उमा भट्टाचार्य ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर विशेष सचिव राजीव रंजन, विभागीय अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

न्यूज़ देखो: पर्यावरणीय प्रतिबद्धता की दिशा में झारखंड की नई उड़ान

झारखंड सरकार की यह पहल न केवल राज्य के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करेगी, बल्कि पूरे देश और एशिया के लिए एक नई मिसाल भी पेश करेगी। क्लीन एनर्जी और कार्बन न्यूट्रलिटी जैसे बड़े लक्ष्यों को अपनाना यह दर्शाता है कि झारखंड अब केवल खनिज संपदा पर आधारित नहीं रहना चाहता, बल्कि नवाचार और टिकाऊ विकास की ओर अग्रसर है। न्यूज़ देखो ऐसे कदमों को सामने लाकर पाठकों को बदलाव की दिशा में जागरूक करता रहेगा।
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ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव केवल नीतिगत नहीं होता, इसमें जनता की भी सक्रिय भागीदारी जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाएं, और झारखंड को एक हरित और सुरक्षित राज्य बनाने में अपनी भूमिका निभाएं। इस खबर पर अपनी राय दें, इसे रेट करें और उन लोगों के साथ साझा करें जो झारखंड की विकास यात्रा में रुचि रखते हैं।

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