
#बरवाडीह #वन्यजीवन : बेतला पर्यटन स्थल पर बंदरों में पैक्ड फूड खाने की आदत ने उन्हें हमलावर बना दिया, रेंजरों ने चेतावनी और कार्रवाई की संभावना जताई
- बेतला पर्यटन स्थल में बंदरों को चिप्स, बिस्किट और नमकीन खिलाने की आदत बढ़ी।
- बंदरों के स्वभाव और सेहत में नकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगे हैं।
- रेंजर उमेश कुमार दूबे ने चेतावनी बोर्ड लगाए जाने की जानकारी दी।
- नियमों की अनदेखी करने वाले पर्यटकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी।
- पर्यटक अपनी सुविधा और मनोरंजन के लिए बंदरों को पैक्ड फूड खिलाते रहे।
बरवाडीह के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बेतला में पर्यटक अक्सर जानवरों के साथ मनोरंजन के लिए पैक्ड फूड का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे बंदरों को ड्राई फूड खाने की आदत लग गई है। चिप्स, बिस्किट और नमकीन जैसी चीजें अब उनके लिए प्राथमिक भोजन बन चुकी हैं। इस आदत के कारण बंदरों के व्यवहार में परिवर्तन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ देखने को मिल रही हैं। कई बार बंदरों ने हमलावर रवैया भी अपनाया है, जिससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।
रेंजरों की चेतावनी और नियमन
रेंजर उमेश कुमार दूबे ने बताया कि बेतला के सभी प्रमुख स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगा दिए गए हैं। इन बोर्डों पर स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि किसी भी परिस्थिति में जानवरों को खाना नहीं खिलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई पर्यटक नियमों की अवहेलना करता है और बंदरों को ड्राई फूड खिलाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उमेश कुमार दूबे ने कहा: “पर्यटक जानवरों को पैक्ड फूड न दें, यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और उनका स्वभाव भी बदल सकता है। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
पर्यटकों की लापरवाही से बढ़ती समस्या
स्थानीय लोगों और वन्यजीव प्रेमियों ने बताया कि पर्यटक मनोरंजन के लिए बंदरों को पैक्ड फूड खिलाने में बिल्कुल भी संकोच नहीं कर रहे हैं। इसके कारण बंदरों में हमलावर प्रवृत्ति बढ़ रही है और उनके स्वभाव में बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानों द्वारा दी गई यह अस्वस्थ आदत बंदरों के लिए दीर्घकालीन खतरा पैदा कर सकती है।
समाधान और जागरूकता की आवश्यकता
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि पर्यटकों को केवल प्राकृतिक भोजन ही खिलाना चाहिए और बंदरों के संपर्क में आने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए। रेंजरों की टीम लगातार इस पर नजर रख रही है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है।
न्यूज़ देखो: वन्यजीवन और पर्यटन के बीच संतुलन आवश्यक
बेतला के बंदरों में ड्राई फूड की लत ने यह साबित कर दिया कि पर्यटन के दौरान वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है। यदि पर्यटक नियमों का पालन नहीं करेंगे तो न केवल जानवरों का स्वास्थ्य प्रभावित होगा बल्कि पर्यटक भी जोखिम में रहेंगे। प्रशासन और रेंजरों की सतर्कता इस संतुलन को बनाए रखने के लिए अहम है।
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पर्यटन का आनंद लें, जानवरों का सम्मान करें
पर्यटन का मतलब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति जिम्मेदारी भी है। आइए, हम सभी इस बात का ध्यान रखें कि बंदरों और अन्य जीव-जंतुओं को केवल उनका प्राकृतिक भोजन ही मिले। अपनी सुरक्षा और वन्यजीवन की सुरक्षा के लिए जागरूक बनें, इस खबर को साझा करें और दूसरों को भी नियमों के पालन के लिए प्रेरित करें।




