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मानसून में उमड़ा सैलाब, लोध जलप्रपात में पर्यटकों की भीड़, प्रशासन ने दी चेतावनी

#महुआडांड़ #लोधजलप्रपातपर्यटन : बूढ़ा घाघ की roaring beauty का मौसम लौटा — बरसात में रोमांच के साथ खतरे भी, वन विभाग सतर्क

झारखंड का नेचुरल वंडर — बूढ़ा घाघ जलप्रपात

महुआडांड़ प्रखंड स्थित लोध जलप्रपात, जिसे स्थानीय रूप से बूढ़ा घाघ कहा जाता है, मानसून में अपना पूरा सौंदर्य बिखेर रहा है। 143 मीटर ऊंचाई से गिरती जलधारा, चारों ओर घने पहाड़ों और हरियाली से घिरा यह स्थान ना केवल राज्य के लोगों के लिए, बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ के पर्यटकों के लिए भी खास आकर्षण है। नेतरहाट यात्रा इसी जलप्रपात के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है।

बरसात में बढ़ा जोखिम, गहरे पानी से बचने की अपील

बुढ़ा नदी का जलस्तर मानसून में तेजी से बढ़ता है, जिससे जलप्रपात का प्रवाह अत्यधिक तेज और खतरनाक हो जाता है। प्रशासन और वन विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी पर्यटक गहरे पानी में प्रवेश न करें और चट्टानों पर खड़े होकर सेल्फी लेने से बचें। क्षेत्र में तैनात स्थानीय सुरक्षा समिति और वन कर्मियों को सतर्क रहने को कहा गया है, लेकिन सतर्कता पहले स्वयं की होनी चाहिए।

पर्यटकों के लिए जरूरी यात्रा सूचना

समय की समझदारी भी जरूरी

जलप्रपात चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है, इस कारण शाम 4 बजे के बाद सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचती। प्रशासन ने पर्यटकों को सलाह दी है कि दोपहर 3 बजे तक वापसी का समय तय करें, ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो। जीवन रक्षक जैकेट की सुविधा मौजूद है, जरूरत हो तो अवश्य पहनें।

पर्यावरण संरक्षण — सबकी जिम्मेदारी

बूढ़ा घाघ क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक, पॉलिथीन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। स्वच्छता कर्मी और वन विभाग के स्वयंसेवक लगातार निगरानी में रहते हैं। सभी पर्यटकों से अपील की गई है कि प्राकृतिक सौंदर्य और संपदा की रक्षा करें, अपना कचरा न फैलाएं।

न्यूज़ देखो: पर्यावरण पर्यटन के साथ सुरक्षा और चेतना की भी जिम्मेदारी

बूढ़ा घाघ जैसे नैसर्गिक सौंदर्य स्थल सिर्फ पर्यटन नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ाव और आत्मिक अनुभव का माध्यम हैं। लेकिन रोमांच के साथ-साथ सतर्कता और जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी है। प्रशासन ने चेतावनी देकर एक सराहनीय पहल की है — अब बारी पर्यटकों की है कि वे नियमों का पालन कर इस अनमोल धरोहर की गरिमा बनाए रखें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

यात्रा हो खूबसूरत और सुरक्षित

मनोरंजन और रोमांच के साथ-साथ ज़िम्मेदार पर्यटन ही आज की जरूरत है। आइए, हम सब मिलकर पर्यावरण की रक्षा करें, नियमों का पालन करें और इस मानसून अपने अनुभवों को यादगार बनाएं।

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