
#बानो #स्वास्थ्य_शिक्षा : आदिवासी बहुल क्षेत्र में संघर्ष से सफलता तक मदर टेरेसा एएनएम स्कूल की प्रेरक यात्रा।
सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में स्थित मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल आज स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बना चुका है। वर्ष 2010 में स्थापित इस संस्थान ने आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र की छात्राओं को नर्सिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दिया है। झारखंड सरकार और राष्ट्रीय नर्सिंग संस्थाओं से मान्यता प्राप्त यह प्रशिक्षण स्कूल अब तक कई स्टेट टॉपर छात्राएं दे चुका है। संस्थान की सफलता ने पूरे जिले और राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा को नई दिशा दी है।
- सिमडेगा जिले के बानो प्रखंड में स्थित मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल।
- वर्ष 2010 में सादे समारोह के साथ रखी गई थी नींव।
- झारखंड सरकार, इंडियन नर्सेस काउंसिल सहित कई संस्थाओं से मान्यता।
- अब तक 20 स्टेट टॉपर छात्राएं नर्सिंग क्षेत्र को दी।
- अत्याधुनिक स्मार्ट क्लास, प्रायोगिक लैब और क्लीनिकल प्रशिक्षण की सुविधा।
सिमडेगा जिले के शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बानो प्रखंड मुख्यालय में स्थित मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल आज केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र में स्वास्थ्य शिक्षा की उम्मीद की किरण बन चुका है। जहां कभी संसाधनों की कमी और सीमित अवसरों के कारण छात्राएं अपने सपनों को अधूरा छोड़ने को मजबूर थीं, वहीं यह संस्थान उनके भविष्य को नई दिशा देने का कार्य कर रहा है।
संघर्ष से शुरुआत, सफलता की कहानी
वर्ष 2010 में बानो जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल क्षेत्र में मदर टेरेसा नर्सिंग सेंटर की नींव एक सादे समारोह में रखी गई थी। उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह संस्थान एक दिन पूरे झारखंड में अपनी अलग पहचान बनाएगा। प्रारंभिक दौर में संसाधनों की कमी, भौगोलिक कठिनाइयों और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद संस्थान ने हार नहीं मानी और निरंतर आगे बढ़ता रहा।
मान्यता और विश्वसनीयता की मजबूत नींव
मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल को स्वास्थ्य शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड सरकार, झारखंड नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल, रिम्स रांची तथा इंडियन नर्सेस काउंसिल, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त है। यह मान्यताएं संस्थान की गुणवत्ता, अनुशासन और प्रशिक्षण स्तर की पुष्टि करती हैं। इन्हीं मानकों के कारण यहां से प्रशिक्षित छात्राएं राज्य और देश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान दे रही हैं।
अनुशासन और सकारात्मक सोच की पहचान
इस प्रशिक्षण स्कूल की सबसे बड़ी ताकत इसका अनुशासन और सकारात्मक विचारधारा है। संस्थान ने नर्सिंग शिक्षा को केवल डिग्री तक सीमित नहीं रखा, बल्कि छात्राओं में सेवा भावना, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भाव विकसित किया। यही कारण है कि अब तक यहां से 20 स्टेट टॉपर छात्राएं निकल चुकी हैं, जिन्होंने संस्थान का नाम राज्य स्तर पर रोशन किया है।
समय के साथ विकसित होती प्रशिक्षण व्यवस्था
समय के साथ मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल की प्रशिक्षण प्रणाली में लगातार सुधार और विस्तार होता गया। वर्ष 2022 तक यह संस्थान एक विशाल वृक्ष का रूप ले चुका है, जिसकी शाखाएं अब दूर-दूर तक देखी जा रही हैं। आधुनिक शिक्षा की मांग को देखते हुए यहां अत्याधुनिक प्रायोगिक क्लासरूम, स्मार्ट क्लासेस, सुव्यवस्थित लाइब्रेरी और इंडोर गेम्स की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
क्लीनिकल प्रशिक्षण पर विशेष जोर
छात्राओं के व्यावहारिक ज्ञान को मजबूत करने के लिए उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में क्लीनिकल प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे छात्राएं वास्तविक परिस्थितियों में काम करने का अनुभव प्राप्त करती हैं, जो उनके भविष्य के करियर के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होता है।
आदिवासी क्षेत्र की छात्राओं के लिए अवसर
यह संस्थान विशेष रूप से आदिवासी और ग्रामीण पृष्ठभूमि की छात्राओं के लिए वरदान साबित हुआ है। सीमित संसाधनों के बावजूद यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर निकली छात्राएं आज आत्मनिर्भर बनकर समाज और परिवार का सहारा बन रही हैं। यह शिक्षा उन्हें न केवल रोजगार देती है, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मविश्वास भी प्रदान करती है।
संस्थान निदेशक का विजन
संस्थान के निदेशक डॉ. प्रह्लाद मिश्रा ने बताया:
डॉ. प्रह्लाद मिश्रा ने कहा: “आदिवासी बहुल पिछड़े क्षेत्र में इस संस्थान को खड़ा करना आसान नहीं था। कई संघर्षों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन छात्राओं की मेहनत और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना ने हमें निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।”
उन्होंने आगे कहा कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर निकलने वाली छात्राओं की सफलता ही संस्थान की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
स्वास्थ्य सेवा में योगदान
मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षित नर्सें आज विभिन्न अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी योजनाओं के माध्यम से समाज की सेवा कर रही हैं। ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में इन नर्सों की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

न्यूज़ देखो: शिक्षा से सशक्त हो रहा आदिवासी क्षेत्र
बानो जैसे पिछड़े और आदिवासी क्षेत्र में मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल की सफलता यह दर्शाती है कि सही सोच और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में बदलाव लाया जा सकता है। यह संस्थान न केवल स्वास्थ्य शिक्षा का केंद्र है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम भी बन चुका है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा से सेवा तक, एक प्रेरक उदाहरण
आज जब स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है, ऐसे संस्थान समाज के लिए उम्मीद की किरण हैं। मदर टेरेसा एएनएम ट्रेनिंग स्कूल यह संदेश देता है कि शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता और सेवा दोनों संभव हैं। इस सकारात्मक पहल को आगे बढ़ाने में आप भी अपनी भूमिका निभाएं। अपनी राय कमेंट करें, खबर साझा करें और शिक्षा से जुड़े ऐसे प्रेरक प्रयासों को समाज तक पहुंचाएं।





