
#गुमला #सड़क_सुरक्षा : जिला परिवहन पदाधिकारी की मौजूदगी में छात्रों को शिक्षा और जागरूकता से जोड़ा गया, नियमों के प्रति लिया गया संकल्प
- DTO ज्ञान शंकर जायसवाल के नेतृत्व में KO कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज गुमला में वृहद सड़क सुरक्षा अभियान।
- राइजअप एनजीओ द्वारा नुक्कड़ नाटक, यमराज के माध्यम से नियम उल्लंघन के दुष्परिणाम बताए गए।
- पुराने ट्रैफिक उल्लंघनकर्ताओं के फोटो दिखाकर छात्रों को किया गया जागरूक।
- दुर्घटनाओं के बढ़ते ग्राफ को प्रोजेक्टर से समझाया गया।
- छात्रों ने हेलमेट पहनने, ट्रिपल राइडिंग से बचने और नाबालिगों को वाहन न देने की शपथ ली।
गुमला जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए अब केवल जुर्माना ही नहीं, बल्कि जागरूकता और शिक्षा को भी हथियार बनाया जा रहा है। सोमवार को जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) ज्ञान शंकर जायसवाल के नेतृत्व में के. ओ. कॉलेज गुमला एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज गुमला में एक व्यापक सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर सड़क सुरक्षा के नियमों को समझा और उनका पालन करने का संकल्प लिया।
यह अभियान उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पहले सघन जांच अभियान और जुर्माना लगाया गया, और अब युवाओं को नियमों के महत्व से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है।
नुक्कड़ नाटक से नियमों का संदेश
कार्यक्रम के दौरान राइजअप एनजीओ की टीम ने रंगारंग नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। नाटक में यमराज के रूप में मंच पर आए कलाकार ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के परिणामों को रोचक लेकिन प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया।
नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि बिना हेलमेट, तेज रफ्तार और लापरवाही किस तरह दुर्घटना और असमय मृत्यु का कारण बन सकती है। छात्रों ने नाटक को गंभीरता से देखा और संदेश को आत्मसात किया।
पॉलिटेक्निक कॉलेज में DTO का अनोखा प्रयोग
पॉलिटेक्निक कॉलेज गुमला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान DTO ज्ञान शंकर जायसवाल ने एक अनूठा और प्रभावी कदम उठाया। उन्होंने कॉलेज के पुराने ट्रैफिक नियम उल्लंघनकर्ताओं के फोटो छात्रों के सामने प्रदर्शित किए, जिन्हें पूर्व में यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण पकड़ा गया था।
इस पहल का उद्देश्य यह दिखाना था कि नियमों की अनदेखी करने पर न केवल जुर्माना लगता है, बल्कि सामाजिक रूप से भी पहचान बनती है। छात्रों ने इसे गंभीर चेतावनी के रूप में लिया।
बढ़ती दुर्घटनाओं का ग्राफ, प्रोजेक्टर से दिखाया गया सच
DTO ने प्रोजेक्टर के माध्यम से गुमला जिले में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़े छात्रों को दिखाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुर्घटनाओं में वृद्धि का सीधा संबंध नियमों को हल्के में लेने की मानसिकता से है।
उन्होंने समझाया कि अधिकतर दुर्घटनाएं युवाओं से जुड़ी होती हैं, जिनमें तेज गति, लापरवाही और सुरक्षा उपायों की अनदेखी प्रमुख कारण हैं।
DTO का कड़ा और सीधा संदेश
छात्रों से संवाद करते हुए DTO ज्ञान शंकर जायसवाल ने कहा:
DTO ज्ञान शंकर जायसवाल ने कहा: “दिसंबर दुर्घटना का महीना है। नियमों को हल्के में लेना और दुर्घटना, एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। आप तभी सुरक्षित रह पाएंगे जब आप सतर्क रहेंगे और नियंत्रित होकर वाहन चलाएंगे। सतर्क रहें, नियंत्रित रहें, तभी सुरक्षित रह पाएंगे।”
उनका यह संदेश छात्रों के बीच चर्चा का विषय बना और कई छात्रों ने इसे अपने दैनिक जीवन से जोड़कर समझा।
हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग पर विशेष फोकस
सड़क सुरक्षा टीम ने पीपीटी, वीडियो, फोटो और प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह बताया कि गुमला जिले में अधिकांश दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों से संबंधित हैं।
बताया गया कि:
- बिना हेलमेट वाहन चलाना
- ट्रिपल राइडिंग
- तेज रफ्तार
- सीट बेल्ट का प्रयोग न करना
दुर्घटनाओं और मौत का मुख्य कारण बनते हैं। छात्रों को इन नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया।
छात्रों ने ली सड़क सुरक्षा की शपथ
कार्यक्रम के समापन पर KO कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सामूहिक शपथ ली कि:
- बिना हेलमेट दोपहिया वाहन नहीं चलाएंगे।
- ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे।
- नाबालिगों को वाहन नहीं चलाने देंगे।
इस शपथ ने कार्यक्रम को केवल औपचारिक नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी प्रभावशाली बना दिया।
नेक व्यक्ति योजना की जानकारी
DTO ज्ञान शंकर जायसवाल ने गुड समेरिटन (नेक व्यक्ति) योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर के भीतर अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे ₹2000 नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने छात्रों से अपील की कि मानवता के नाते ऐसे मामलों में आगे आएं और किसी भी डर के बिना मदद करें।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस जागरूकता अभियान में:
- जिला परिवहन पदाधिकारी ज्ञान शंकर जायसवाल
- सड़क सुरक्षा प्रबंधक कुमार प्रभाष
- सूचना प्रौद्योगिकी सहायक मंटू रवानी
- रोड इंजीनियरिंग एनालिस्ट प्रणय कांशी
- कॉलेज के प्रधानाध्यापक और शिक्षकगण
- राइजअप एनजीओ से ऋषभ आनंद और उनकी टीम
उपस्थित रहे। राइजअप एनजीओ की टीम को सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में 9 वर्षों का अनुभव है और वे विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम चला चुके हैं।
न्यूज़ देखो: जुर्माने से आगे जागरूकता की जरूरत
यह पहल बताती है कि सड़क सुरक्षा केवल चालान और कार्रवाई से नहीं, बल्कि युवाओं में सही सोच विकसित करने से संभव है। शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ही दुर्घटनाओं पर स्थायी नियंत्रण पाया जा सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सुरक्षित भविष्य की जिम्मेदारी युवाओं के हाथ
आज शपथ ली है, कल उसे निभाना भी जरूरी है। सड़क पर आपकी सतर्कता किसी की जिंदगी बचा सकती है। अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और सड़क सुरक्षा का संदेश हर युवा तक पहुंचाएं।





