#सिमडेगा #रामरेखा_महोत्सव : सांसद कालीचरण मुंडा और पूर्व डीसी विजय कुमार सिंह ने रामरेखा धाम में की पूजा-अर्चना, महंतों से मिल साझा की विकास की चर्चा।
- खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा ने रामरेखा धाम पहुंचकर मत्था टेका और पूजा-अर्चना की।
- उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व डीसी विजय कुमार सिंह भी रहे मौजूद।
- दोनों ने धाम के महंतों से मुलाकात कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
- धाम के विकास कार्यों और पूर्व आयोजनों की चर्चा भी की गई।
- विजय सिंह के कार्यकाल में रामरेखा महोत्सव का हुआ था भव्य आयोजन।
राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025 के अवसर पर खूंटी लोकसभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण मुंडा आज सिमडेगा स्थित रामरेखा धाम पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले धाम के महंत से मुलाकात की और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर नारियल फोड़कर अपनी आस्था प्रकट की। सांसद के माथा टेकने के साथ ही श्रद्धा और भक्ति का वातावरण पूरे परिसर में गूंज उठा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व डीसी विजय कुमार सिंह
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सिमडेगा में पदस्थापित रह चुके तत्कालीन उपायुक्त विजय कुमार सिंह भी अपनी पत्नी के साथ रामरेखा धाम पहुंचे। उन्होंने सांसद के साथ पूजा-अर्चना की और धाम के महंतों से भेंट की। बातचीत के दौरान उन्होंने रामरेखा धाम के विकास और धार्मिक पर्यटन के विस्तार पर चर्चा की।
रामरेखा महोत्सव से जुड़ी पुरानी यादें
धाम के महंतों से चर्चा के दौरान विजय कुमार सिंह ने अपने कार्यकाल की यादें साझा कीं। उन्होंने कहा कि जब वे सिमडेगा के उपायुक्त थे, तब उनके प्रयासों से रामरेखा महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ था। उस आयोजन में भोजपुरी संगीत जगत के प्रसिद्ध गायक मनोज तिवारी ने भी शिरकत की थी। उस समय महोत्सव का प्रचार-प्रसार राजधानी रांची तक किया गया था, जहाँ बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर लगाए गए थे।
श्रद्धा और संस्कृति का संगम
रामरेखा धाम में आज सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही। सांसद और पूर्व डीसी के आगमन से श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल देखने को मिला। दोनों ने धाम परिसर में घूमकर वहां के सौंदर्य और धार्मिक महत्व की सराहना की। महंतों ने भी रामरेखा धाम के इतिहास और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।
न्यूज़ देखो: आस्था और प्रशासनिक सहयोग से खिलता रामरेखा धाम
सांसद कालीचरण मुंडा और पूर्व डीसी विजय कुमार सिंह की संयुक्त उपस्थिति इस बात का प्रतीक है कि जब जनप्रतिनिधि और अधिकारी मिलकर कार्य करते हैं, तो धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का विकास नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।
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आस्था और सेवा का संगम
रामरेखा धाम जैसे पवित्र स्थलों की पहचान सिर्फ पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति की आत्मा हैं। अब समय है कि हम सभी मिलकर ऐसे स्थलों के संरक्षण और प्रचार में सहयोग दें ताकि हमारी विरासत आने वाली पीढ़ियों तक गर्व से पहुँचे।
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