#लातेहार #सामाजिकसहयोग : सांसद कालीचरण सिंह ने सरईडीह गांव पहुंचकर स्व. उपेंद्र साव के आश्रितों को दी आर्थिक मदद और संवेदना व्यक्त की
- बरवाडीह प्रखंड क्षेत्र के सरईडीह गांव में हुआ कार्यक्रम।
- स्व. उपेंद्र साव के असामयिक निधन पर सांसद ने जताया शोक।
- सांसद कालीचरण सिंह के सौजन्य से पीड़ित परिवार को मिली आर्थिक सहयोग राशि।
- यह सहयोग परिवार के लिए संकट की घड़ी में सहारा बना।
- कार्यक्रम में भाजपा महामंत्री मनोज प्रसाद सहित कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित।
बरवाडीह (लातेहार)। सरईडीह गांव निवासी स्वर्गीय उपेंद्र साव के असामयिक निधन ने पूरे क्षेत्र को शोकाकुल कर दिया है। इस दुख की घड़ी में चतरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण सिंह ने संवेदनशील पहल करते हुए उनके आश्रितों को आर्थिक सहयोग राशि प्रदान की। सांसद की ओर से यह सहयोग भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पीड़ित परिवार तक पहुंचाया गया।
सांसद की संवेदनशील पहल
सांसद कालीचरण सिंह अपने क्षेत्र की जनता के सुख-दुख में हमेशा साथ खड़े रहने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने न सिर्फ आर्थिक सहयोग प्रदान किया, बल्कि यह भी संदेश दिया कि भाजपा जनता के साथ हर परिस्थिति में खड़ी है।
सांसद कालीचरण सिंह ने कहा: “यह सहायता केवल आर्थिक मदद नहीं है बल्कि परिवार को यह भरोसा दिलाना है कि इस कठिन समय में पूरा संगठन और समाज उनके साथ खड़ा है।”
भाजपा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
इस अवसर पर भाजपा महामंत्री मनोज प्रसाद, जिला मंत्री ईश्वरी सिंह, जिला सोशल मीडिया प्रभारी बंटी ठाकुर, युवा मोर्चा IT सेल जिला प्रभारी ओम प्रकाश गुप्ता, SC मोर्चा मंडल अध्यक्ष दिलीप पासवान, सतीश यादव, मनोज ठाकुर, विजय प्रसाद, किशोर जी सहित अन्य सम्मानित कार्यकर्ता और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। सभी ने परिवार को सांत्वना दी और संगठन की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
समाज में भरोसा और आशा का संदेश
सांसद की यह पहल मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं का परिचायक है। शोकाकुल परिवार ने सांसद और संगठन का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस सहयोग ने कठिन समय में उन्हें सहारा दिया है।
न्यूज़ देखो: संवेदनशील राजनीति की मिसाल
इस घटना से यह साफ होता है कि राजनीति केवल सत्ता तक सीमित नहीं है बल्कि जनसेवा और मानवता का भी माध्यम है। सांसद कालीचरण सिंह का यह कदम जनता में विश्वास और आशा को मजबूत करता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
साथ खड़े रहें कठिन समय में
संकट की घड़ी में संवेदना और सहयोग ही सबसे बड़ा सहारा होता है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम भी अपने आस-पास ऐसे परिवारों का संबल बनें। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और मानवता के इस संदेश को दूर तक फैलाएं।