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- मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और भागलपुर में मेट्रो सेवा की संभावना।
- राइट्स एजेंसी द्वारा सर्वेक्षण का काम पूरा, रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपी गई।
- डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) की तैयारी की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
- मेट्रो के एलिवेटेड और अंडरग्राउंड रूट का प्रस्ताव।
- अगर योजना के अनुसार सब कुछ हुआ, तो 2029 से पहले इन शहरों में मेट्रो दौड़ने लगेगी।
मेट्रो परियोजना के लिए सर्वेक्षण कार्य पूरा
बिहार के चार प्रमुख शहरों—मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और भागलपुर—में मेट्रो सेवा की संभावना ने राज्य में परिवहन व्यवस्था के नए युग की शुरुआत का संकेत दिया है। राइट्स एजेंसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो गया है और रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंप दी गई है।
प्रस्तावित रूट और निर्माण योजना
सर्वेक्षण रिपोर्ट में मेट्रो के लिए प्रस्तावित रूट, स्टेशनों की संख्या और जमीन की उपलब्धता जैसे अहम पहलुओं को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार:
- मेट्रो का कुछ हिस्सा जमीन के ऊपर (एलिवेटेड) और कुछ हिस्सा जमीन के नीचे (अंडरग्राउंड) बनाया जाएगा।
- मेट्रो के शुरू होने के बाद आम लोगों के आवागमन और आर्थिक-सामाजिक विकास पर पड़ने वाले प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण भी किया गया है।
दरभंगा में सर्वेक्षण में देरी
हालांकि दरभंगा में सर्वेक्षण कार्य में थोड़ी देर हुई, जबकि मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर की रिपोर्ट पहले ही तैयार कर ली गई थी। इसके बावजूद, राइट्स एजेंसी ने तीन महीने का अतिरिक्त समय मांगा, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी।
कैबिनेट की मंजूरी और वित्तीय व्यवस्था
- जुलाई 2024 में, बिहार सरकार की कैबिनेट ने इन चार शहरों में मेट्रो परियोजना को मंजूरी दी थी।
- इसके बाद, नगर विकास एवं आवास विभाग ने राइट्स लिमिटेड को मेट्रो की विस्तृत योजना और वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट तैयार करने का कार्य सौंपा।
- इस काम के लिए एजेंसी को लगभग 7.02 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
डीपीआर और केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी
अब राज्य सरकार डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करेगी, जिसमें परियोजना की लागत, निर्माण समयसीमा और वित्तीय व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।
- डीपीआर को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिसके बाद परियोजना को अंतिम मंजूरी मिलेगी।
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