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रांची में जमीन विवाद के बहाने हुई हत्या: 5 लाख की सुपारी में चला गोलियों का खेल

#रांची #जमीनविवाद : गलत पहचान में मौत, पुलिस ने 24 घंटे में सुलझाई गुत्थी

राजधानी रांची के रातू इलाके का झखरा टांड़ गांव गुरुवार की रात गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा। इस वारदात में निर्दोष युवक रवि कुमार की मौत हो गई और राजबल्लभ गोप गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस जांच में सामने आया कि यह गोलीबारी जमीन विवाद और पुरानी दुश्मनी का नतीजा थी, लेकिन अपराधियों ने गलत आदमी को निशाना बना दिया।

गोली का शिकार बना निर्दोष युवक

पुलिस के अनुसार, 7 सितंबर की शाम प्रदीप लोहरा उर्फ चरकू के घर के बाहर अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। असल निशाना राजबल्लभ गोप था, लेकिन अपराधियों ने उसे पहचानने में गलती कर दी और रवि कुमार को राजबल्लभ समझकर गोली मार दी। मौके पर ही रवि की मौत हो गई, जबकि राजबल्लभ घायल होकर जिंदगी और मौत के बीच झूलता रहा।

पुरानी रंजिश और सुपारी का खेल

वारदात के पीछे का मास्टरमाइंड कुणाल कुमार निकला, जो शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी का बेटा है। राजबल्लभ गोप से उसकी दुश्मनी पुरानी थी। इल्जाम है कि राजबल्लभ ने कुणाल के पिता के साथ मारपीट की थी और उसकी जमीन से जुड़े काम में भी दिक्कतें पैदा की थीं। इसी खुन्नस में कुणाल ने 5 लाख रुपये की सुपारी देकर राजबल्लभ को मरवाने की साजिश रची।

कुणाल ने इस काम के लिए लालमोहन प्रजापति, बबलू यादव और विकेश तिवारी गिरोह से जुड़े तीन शूटरों से संपर्क साधा। सबने मिलकर प्लान बनाया और 7 सितंबर की शाम हमला अंजाम दिया।

पुलिस की तत्परता से बड़ा खुलासा

रांची रुरल SP की अगुवाई में गठित विशेष टीम ने महज 24 घंटे में मामले की गुत्थी सुलझा दी। पुलिस ने इस केस में शामिल 6 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से तीन देसी पिस्टल, कार, बाइक, छह मोबाइल और पांच जिंदा गोलियां बरामद की गईं।

गिरफ्तार अपराधी और उनका इतिहास

इनमें से कई अपराधियों के खिलाफ पहले से ही रंगदारी, आर्म्स एक्ट और जानलेवा हमलों के मामले दर्ज हैं। पुलिस पूछताछ में श्रीचंद प्रजापति ने कबूल किया कि वह पहले भी रंगदारी और धमकी के मामलों में शामिल रहा है।

जांच अभी जारी

पुलिस अब इस गिरोह के नेटवर्क और पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की पड़ताल कर रही है। माना जा रहा है कि पूछताछ में और भी बड़े खुलासे संभव हैं।

न्यूज़ देखो: जब जमीन की दुश्मनी मौत का सौदा बन जाए

यह वारदात सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस खतरनाक प्रवृत्ति का आईना है जहां निजी दुश्मनी और जमीन विवाद के नाम पर सुपारी किलिंग तक का सहारा लिया जा रहा है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई काबिले-तारीफ है, लेकिन यह भी सच है कि

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