गढ़वा जिले में नगर परिषद चुनाव को लेकर लोगों की गतिविधियां बहरूपिया की तरह सामने आ रही हैं। ऐसा लगता है जैसे समाज के हित में काम हो रहा है, लेकिन असल में यह समाज सेवा नहीं, बल्कि चुनावी तैयारियों का हिस्सा है।
चुनाव से पहले कई संस्थाएं लोगों को लुभाने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रही हैं। कभी कंबल वितरण, कभी अलाव की व्यवस्था, तो कभी त्योहारों में सामग्री बांटी जा रही है। इन गतिविधियों का उद्देश्य समाज का भला नहीं, बल्कि राजनीतिक स्वार्थ साधना है।
इस प्रकार के छलावे से बचने की आवश्यकता है। जनता को चाहिए कि वे इन प्रलोभनों से दूर रहें और अपने फैसले स्वतंत्र रूप से लें। समाज को सही दिशा देने के लिए निरपेक्षता और आत्मनिर्भरता ही सबसे बड़ी ताकत है।
News देखो हमेशा निष्पक्ष।।।