Ranchi

शिलान्यास में नाम लेकिन सूचना नहीं! रांची में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा पर भड़के संजय सेठ

Join News देखो WhatsApp Channel

#रांची #सियासी_नाराजगी – सड़क योजना के उद्घाटन से पहले नहीं दी गई जानकारी, मंत्री बोले- यह लोकतंत्र के लिए अशोभनीय

  • रांची के कांके प्रखंड में सड़क योजना के शिलान्यास से मचा सियासी बवाल
  • रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा
  • बिना सूचना दिए मंत्री की अनुशंसा वाली योजना का शिलान्यास
  • मंत्री बोले– लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा अस्वीकार्य
  • सभी अधिकारियों को निर्देश देने की मांग
  • पहले भी दी जा चुकी है दिशा समिति में स्पष्ट हिदायत

बिना बुलाए हो गया शिलान्यास, मंत्री ने जताई कड़ी आपत्ति

रांची के कांके प्रखंड अंतर्गत सुकुरहुट्टू के बरवाटांड़ से रिंग रोड तक बनने वाली सड़क के शिलान्यास को लेकर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने तीखी नाराजगी जताई है। मंत्री ने कहा कि इस सड़क का अनुमोदन उन्होंने अपनी अनुशंसा पर आरआरडीए से कराया था, लेकिन इसके शिलान्यास की ना तो उन्हें सूचना दी गई और ना ही आमंत्रण

उन्होंने यह बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में प्रमुखता से उठाई है। शिलापट्ट में उनका नाम जरूर अंकित है, लेकिन मंत्री को इसकी कोई जानकारी नहीं थी।

मंत्री बोले– लोकतंत्र का हो रहा अपमान

अपने पत्र में संजय सेठ ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक व्यक्ति की उपेक्षा नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र की गरिमा का अपमान है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी दिशा समिति की बैठकों में स्पष्ट निर्देश दिया था कि कोई भी योजना हो, उसके उद्घाटन या शिलान्यास में सभी संबंधित जनप्रतिनिधियों को सूचना दी जानी चाहिए

“किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में विधायिका और कार्यपालिका का संतुलन जरूरी होता है। अधिकारियों की ऐसी कार्यशैली जनप्रतिनिधियों की भूमिका को नजरअंदाज करती है।”
संजय सेठ, रक्षा राज्य मंत्री

मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग

पत्र में मंत्री ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी जनप्रतिनिधि उपेक्षित न हो। उन्होंने लिखा कि योजनाओं के निर्माण में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी अनिवार्य है, क्योंकि वे ही जनता और सरकार के बीच की कड़ी होते हैं।

जनभावनाओं से जुड़ी योजनाओं में सहभागिता जरूरी

यह मुद्दा केवल सियासी सम्मान का नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की संवैधानिक भूमिका और ज़िम्मेदारी से जुड़ा है। अगर उन्हें ही योजनाओं की जानकारी नहीं होगी, तो जनता के प्रति उनकी जवाबदेही प्रभावित होगी। संजय सेठ के पत्र ने इस व्यवस्थागत असंतुलन की ओर ध्यान खींचा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी हो सकता है।

न्यूज़ देखो : राजनीतिक व्यवस्था की हर हलचल पर पैनी नजर

‘न्यूज़ देखो’ हर स्तर पर आपकी लोकतांत्रिक ताकत की रक्षा करता है — चाहे बात हो सत्ता के समीकरणों की या जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की। यहां हर राजनीतिक हलचल की बारीक रिपोर्टिंग होती है, जिससे आप बनें जागरूक और सजग नागरिक।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे रेट करें और नीचे कमेंट में अपनी राय दें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
Radhika Netralay Garhwa
20250923_002035
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250604-WA0023 (1)
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: