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सरिया कॉलेज में राष्ट्रीय सेमिनार भारतीय ज्ञान और आधुनिक शिक्षा के समन्वय पर केंद्रित

#गिरिडीह #राष्ट्रीयसेमिनार : सरिया कॉलेज में भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर विशेषज्ञों ने रखे विचार

गिरिडीह जिले के सरिया कॉलेज में आज राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन बड़े ही भव्य तरीके से किया गया। सेमिनार का विषय “इंडियन नॉलेज सिस्टम विथ मॉडर्न नॉलेज सिस्टम” रखा गया था। कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा प्रणाली को जोड़ने के महत्व पर गहन चर्चा की गई।

मुख्य अतिथि और उद्घाटन

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के कुलपति प्रो. चन्द्र भूषण शर्मा और बगोदर विधायक सह झारखंड विधानसभा में विपक्ष के सचेतक नागेन्द्र महतो रहे। दोनों अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया और छात्रों को शिक्षा के प्रति गंभीर होने का संदेश दिया।

विधायक नागेन्द्र महतो का संबोधन

विधायक नागेन्द्र महतो ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रभाव हमारे जीवन और शिक्षा दोनों पर गहरा रहा है। इसे आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ मिलाकर ही आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा दी जा सकती है। उन्होंने छात्रों से मेहनत और ईमानदारी के साथ पढ़ाई करने का आह्वान किया।
उन्होंने मौके पर कुलपति से सरिया कॉलेज में विज्ञान संकाय (Science Faculty) की स्थायी संबद्धता की मांग भी रखी ताकि ग्रामीण छात्रों को स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिल सकें।

कुलपति का दृष्टिकोण

कुलपति प्रो. चन्द्र भूषण शर्मा ने कहा कि भारतीय और आधुनिक शिक्षा प्रणाली का संयोजन समाज और देश दोनों के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने छात्रों से शिक्षा को साधन बनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आग्रह किया।

सेमिनार में बड़ी उपस्थिति

इस अवसर पर पूर्व विधायक बिनोद सिंह, प्राचार्य संतोष लाल, सचिव मनोहर सिंह बग्घा, कई कॉलेजों के प्राध्यापक, बुद्धिजीवी, छात्र-छात्राएं और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम का माहौल उत्साहपूर्ण और प्रेरणादायक रहा।

न्यूज़ देखो: शिक्षा का नया आयाम

यह सेमिनार दिखाता है कि शिक्षा में केवल आधुनिक तकनीक नहीं बल्कि भारतीय परंपरा का समावेश भी आवश्यक है। स्थानीय स्तर पर विज्ञान संकाय की मांग बताती है कि ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के बेहतर अवसरों की आवश्यकता कितनी गहरी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा और परंपरा का संगम

भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा के संतुलन से ही भविष्य सुरक्षित होगा। हमें मिलकर शिक्षा को मजबूत और सर्वसुलभ बनाने का प्रयास करना चाहिए। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और शिक्षा सुधार की इस पहल में भागीदार बनें।

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