
#महुआडांड़ #शिक्षा_सेमिनार : संत जेवियर्स कॉलेज में वैल्यू-बेस्ड क्वालिटी एजुकेशन और एआई की भूमिका पर विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव।
- संत जेवियर्स कॉलेज महुआडांड़ में सोमवार को नेशनल सेमिनार आयोजित हुआ।
- मुख्य विषय था— वैल्यू-बेस्ड क्वालिटी एजुकेशन एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
- मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. फादर डोमनिक सावियो और फादर जयराज वेलुस्वामी उपस्थित रहे।
- छात्रों ने एआई, तकनीकी परिवर्तन और मूल्य आधारित शिक्षा पर इंटरैक्टिव चर्चा की।
- कार्यक्रम का समापन प्रो. शेफाली प्रकाश द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
संत जेवियर्स कॉलेज महुआडांड़ में आयोजित नेशनल सेमिनार में सोमवार को देशभर के शिक्षाविदों, शोधार्थियों और बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया। इस वर्ष का विषय था— “वैल्यू-बेस्ड क्वालिटी एजुकेशन एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस”, जिसके केंद्र में था शिक्षा के भविष्य में एआई की भूमिका और नैतिक मूल्यों की अनिवार्यता। सेमिनार में छात्रों की सक्रियता, प्रश्नोत्तर सत्रों में उनकी भागीदारी और तकनीकी बदलावों को लेकर उत्साह विशेष रूप से दिखाई दिया।
डॉ. फादर डोमनिक सावियो का प्रेरक संबोधन
संत जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता के प्राचार्य डॉ. फादर डोमनिक सावियो ने छात्रों को जीवन मूल्यों और आधुनिक तकनीक के संतुलित उपयोग पर जोर देते हुए कहा:
“वैल्यू-बेस्ड एजुकेशन ही किसी भी समाज के मजबूत भविष्य की नींव होती है। एआई अवसर है, लेकिन इसका उपयोग तभी सकारात्मक होगा जब विद्यार्थी नैतिक मूल्यों के साथ इसका प्रयोग करें। समय बदल रहा है, तकनीक तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन मानवता और संवेदनशीलता हमेशा सर्वोपरि रहनी चाहिए।”
उनके वक्तव्य से छात्रों को आधुनिक शिक्षा में संतुलन और जिम्मेदारी का स्पष्ट संदेश मिला।
रेक्टर फादर जयराज वेलुस्वामी ने बताया— एआई तभी लाभकारी, जब मूल्य हों साथ
रेक्टर फादर जयराज वेलुस्वामी ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन का असल अर्थ है—
तकनीकी ज्ञान + नैतिक समझ।
उन्होंने कहा कि एआई भविष्य को दिशा देगा, लेकिन यह दिशा सही तभी होगी जब हमारे भीतर मूल्य और संवेदनशीलता हों।
उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपने सीखने की प्रक्रिया को व्यापक, उद्देश्यपूर्ण और समाजहितकारी बनाएं।
प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोस का स्वागत भाषण
सेमिनार के उद्घाटन सत्र में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोस ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा:
“ऐसे सेमिनार छात्रों को नए विचारों, तकनीकी परिवर्तनों और मूल्य आधारित शिक्षा की अनिवार्यता को समझने का अवसर प्रदान करते हैं। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को ज्ञान के साथ-साथ चरित्रवान बनाना है।”
उनके स्वागत संबोधन ने पूरे कार्यक्रम का भाव स्पष्ट किया— “ज्ञान के साथ मूल्य।”
एआई और शिक्षा— विशेषज्ञों की विस्तृत चर्चा, छात्रों की सक्रिय सहभागिता
सेमिनार के दौरान निम्न विषयों पर विशेष चर्चा हुई:
- शिक्षा क्षेत्र में एआई का बढ़ता प्रभाव
- तकनीकी विकास से उत्पन्न अवसर और चुनौतियाँ
- नैतिक मूल्यों के साथ एआई के सही उपयोग के तरीके
- शिक्षा में डिजिटल साधनों की भूमिका
- छात्रों और शोधार्थियों के प्रश्न, जिनपर विशेषज्ञों ने विस्तार से जवाब दिए
विशेष तौर पर एआई के व्यावहारिक उपयोग, डिजिटल सुरक्षा, और शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाने वाले तकनीकी साधनों पर गहन चर्चा हुई।
पूरे आयोजन के दौरान छात्रों में एआई सीखने और तकनीक को समझने का उत्साह आकर्षक रहा।
धन्यवाद ज्ञापन के साथ सेमिनार का समापन
कार्यक्रम का सफल समापन प्रो. शेफाली प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया। उन्होंने सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षकों और छात्रों का आभार जताया।
सेमिनार में कॉलेज के फादर साइमन मुर्मू, फादर अरुण विकास, फादर समीर, फादर लियो, तथा प्रोफेसर अंशु, शालिनी, मनिषा, मन्नु कुमार, अंकिता, बंसति, अदिति सहित सभी शिक्षकेतर कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: शिक्षा का भविष्य— मूल्य और एआई का संगम
यह सेमिनार इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भविष्य की शिक्षा एआई के बिना अधूरी है, लेकिन एआई भी बिना मानवीय मूल्यों के बेकार है। महुआडांड़ में आयोजित यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी को संतुलित शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सीखें, सोचें और आगे बढ़ें
तकनीक के साथ नैतिकता का मेल ही आपको सफल बनाता है।
एआई का उपयोग जिम्मेदारी से करें और अपनी शिक्षा को समाज के लिए उपयोगी बनाएं।
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