
#गुमला #कंबल_वितरण : कड़ाके की ठंड के बीच आयोग की सदस्या आशा लकड़ा और बीडीओ दिनेश कुमार ने ग्रामीणों को राहत सामग्री बांटी
- तूरियाडीह गांव, घाघरा प्रखंड में राष्ट्रीय एसटी आयोग की सदस्या आशा लकड़ा का कंबल वितरण कार्यक्रम।
- कार्यक्रम में बीडीओ दिनेश कुमार भी उपस्थित रहे और सहयोग का आश्वासन दिया।
- वितरण स्थल सामुदायिक भवन, जहां बुजुर्गों, विधवाओं और अत्यंत गरीब परिवारों को प्राथमिकता दी गई।
- आशा लकड़ा ने कहा—सरकार शीतलहर से राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- ग्रामीणों ने दोनों अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
घाघरा प्रखंड के तूरियाडीह गांव में शीतलहर के बढ़ते असर को देखते हुए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल की गई। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की माननीया सदस्या श्रीमती आशा लकड़ा ने जरूरतमंद परिवारों के बीच कंबलों का वितरण कर ग्रामीणों को ठंड से राहत पहुंचाई। कार्यक्रम का आयोजन गांव के सामुदायिक भवन में किया गया, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) दिनेश कुमार भी मौजूद रहे और कार्यक्रम में प्रशासन की ओर से सहयोग दिया।
शीतलहर से बचाव के लिए मानवीय पहल
कंबल वितरण के दौरान आशा लकड़ा ने कहा कि बढ़ती ठंड से गरीब और कमजोर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में सरकार और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे समय पर सहायता पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि कंबल वितरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति ठंड में बिना संरक्षण के रात बिताने को मजबूर न हो।
आशा लकड़ा ने कहा: “सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड से कोई भी असहाय व्यक्ति पीड़ित न हो, इसके लिए यह एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण पहल है।”
प्रशासन ने दिया आगे भी सहयोग का भरोसा
कार्यक्रम में मौजूद बीडीओ दिनेश कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्रशासन हमेशा जनहित में खड़ा है और आगे भी ग्रामीणों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएँ लागू की जाएंगी। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर लें और किसी भी समस्या के लिए प्रखंड कार्यालय से संपर्क करें।
बीडीओ दिनेश कुमार ने कहा: “प्रशासन जनता के साथ है। तूरियाडीह के लिए आने वाले दिनों में और भी कल्याणकारी योजनाएँ चलाई जाएँगी।”
बुजुर्गों, विधवाओं और गरीबों को प्राथमिकता
कंबल वितरण कार्यक्रम में विशेष ध्यान उन लोगों पर दिया गया जो सबसे अधिक प्रभावित होते हैं—
बुजुर्ग, विधवाएँ, असहाय परिवार, तथा अत्यंत गरीब वर्ग के लोग।
ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि शीतलहर के बीच यह मदद उनके लिए बड़ी राहत है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने आयोग की सदस्या आशा लकड़ा और बीडीओ दिनेश कुमार के प्रयासों की प्रशंसा की।
ग्रामीणों ने जताया आभार
तूरियाडीह के निवासियों ने कहा कि ऐसी पहलें समाज में मानवीय संवेदना को जीवित रखती हैं और कठिन समय में राहत देती हैं। ग्रामीणों ने कहा कि शीतलहर के बीच सरकारी और प्रशासनिक सहयोग मिलना उनके लिए बड़ी बात है।
न्यूज़ देखो: सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण—तूरियाडीह में राहत का संदेश
यह कार्यक्रम दर्शाता है कि जब जनप्रतिनिधि और प्रशासन एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सीधी राहत मिलती है। शीतलहर जैसी परिस्थितियों में कंबल वितरण जैसे कदम न केवल संवेदनशीलता दिखाते हैं बल्कि सरकारी योजनाओं की वास्तविक पहुंच को भी मजबूत करते हैं।
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ठंड में कोई अकेला न रहे—आइए मदद के हाथ बढ़ाएं
समाज तभी मजबूत बनता है जब हम अपने आसपास के कमजोर और जरूरतमंद लोगों का ध्यान रखें। यदि आपके क्षेत्र में भी कोई बुजुर्ग, असहाय या गरीब परिवार ठंड से जूझ रहा है, तो मदद के लिए आगे आएं—एक कंबल, एक सहयोग, एक प्रयास किसी की जिंदगी बचा सकता है।
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