#पलामू #करमा_पूजा : चेरो आदिवासी समाज ने सामूहिक उत्सव के बीच वृक्षारोपण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बढ़ाई परंपरा की शान
- पलामू जिले के कई गांवों में करमा पूजा सामूहिक रूप से मनाई गई।
- गरीब महिलाओं और छात्रों को साड़ी, कलम और कॉपी देकर किया गया सम्मान।
- बरियातू जागीरग्राम में विधायक रामचंद्र सिंह और अजय सिंह चेरो बने आकर्षण का केंद्र।
- वृक्षारोपण अभियान के तहत सैकड़ों पौधे लगाए गए।
- मांदर और नगाड़ों की थाप पर गूंजे आदिवासी लोकगीत और नृत्य।
पलामू जिले के चेरो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में शुक्रवार को करमा पूजा महोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। सदर प्रखंड के ग्राम सुआ, कौड़िया और कुंडेलवा से लेकर चैनपुर, सतबरवा और पाटन प्रखंड तक गांव-गांव में सामूहिक रूप से करमा पर्व मनाया गया। इस मौके पर ग्रामीणों ने परंपरा अनुसार करम डाली की स्थापना की और बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र और खेतों में अच्छी उपज की कामना करते हुए श्रद्धा से पूजा की।
प्रमुख गांवों में विविध आयोजन
कुंडेलवा में आयोजित कर्म पूजा के दौरान मुख्य अतिथि ने गरीब महिलाओं को साड़ी देकर सम्मानित किया। चैनपुर प्रखंड के दुबा और चांदो गांवों में ज्ञान मंच कार्यक्रम आयोजित हुआ, जहां छोटे बच्चों से लेकर मैट्रिक और इंटर में अच्छे अंक लाने वाले छात्रों को कॉपी और कलम देकर उत्साहवर्धन किया गया। मंच संचालन अरविन्द सिंह उर्फ पप्पू सिंह चेरो ने किया। इसी तरह सतबरवा के दुलसुलमा और नीलांबर-पितांबरपुर प्रखंड के एटहे व गुरियादामर गांवों में भी सामूहिक करमा पर्व मनाया गया।

बरियातू जागीरग्राम में मुख्य समारोह
लातेहार जिले के बरियातू जागीरग्राम में करमा महोत्सव का मुख्य आयोजन हुआ। इस मौके पर मनिका विधायक रामचंद्र सिंह और चेरो आदिवासी भैयारी पंचायत प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक प्रत्याशी अजय सिंह चेरो बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि के रूप में त्रिपुरारी सिंह चेरो, रामराज सिंह चेरो, सुरेंद्र सिंह चेरो, उपेंद्र सिंह चेरो, शीतल सिंह निराला, सुमन सिंह चेरो, निर्मल सिंह चेरो और नीरज सिंह चेरो समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
वृक्षारोपण और सम्मान
बरियातू जागीरग्राम में समिति की ओर से वृक्षारोपण अभियान चलाया गया, जिसमें सैकड़ों पौधे लगाए गए। इसके अलावा मंचीय कार्यक्रम में अतिथियों को अंगवस्त्र और फूलमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। वहीं होनहार युवाओं को सुरेंद्र सिंह चेरो द्वारा संग्रहित जल जंगल जमीन और आदिवासी नामक पुस्तक भेंट कर प्रोत्साहित किया गया।
शिक्षा और अधिकार पर जोर
मंच पर आयोजित ज्ञान मंच कार्यक्रम में अतिथियों ने बच्चों को कॉपी और कलम बांटकर शिक्षा की ओर प्रेरित किया। वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी समाज को अपने हक-अधिकार के लिए जागरूक होना होगा और इसके लिए सीएनटी एक्ट और संविधान की जानकारी युवाओं तक पहुंचाना जरूरी है।
संस्कृति और उत्सव का संगम
संध्या में मांदर और नगाड़ों की थाप पर ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा में नाचते-गाते नजर आए। गीत-संगीत और नृत्य ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया। अतिथियों ने कहा कि करमा पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि समानता, भाईचारा और प्रकृति संरक्षण का पैगाम है।

न्यूज़ देखो: करमा पर्व से मिली सामाजिक एकता की सीख
करमा पूजा महोत्सव ने एक बार फिर यह साबित किया कि आदिवासी समाज अपनी परंपराओं और प्रकृति से गहरे जुड़े हुए हैं। शिक्षा, अधिकार और सांस्कृतिक गौरव के संदेश के साथ यह पर्व समाज को एकजुट करता है और आने वाली पीढ़ियों को विरासत संभालने की प्रेरणा देता है।
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संस्कृति और प्रकृति के संरक्षण का संकल्प
करमा पूजा जैसे पर्व हमें यह याद दिलाते हैं कि प्रकृति और परंपरा से जुड़ाव ही समाज की असली ताकत है। आइए, हम सब मिलकर इस परंपरा को जीवित रखें और शिक्षा व अधिकारों की लड़ाई में भी आगे बढ़ें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा साझा करें।