
#लातेहार #नक्सल सरेंडर : एनकाउंटर के बाद लगातार भाग रहा था लवलेश — अंततः पुलिस दबिश से किया आत्मसमर्पण
- जेजेएमपी के सब-जोनल कमांडर और ₹5 लाख इनामी लवलेश गंझू ने सरेंडर किया
- पलामू जोनल IG, SP और CRPF अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण
- मुठभेड़ में साथी नक्सलियों के मारे जाने के बाद अकेला रह गया था लवलेश
- लातेहार, लोहरदगा समेत कई थानों में दर्ज हैं 50 से ज्यादा मामले
- 2017 से संगठन में था सक्रिय, लेवी वसूलने और एके-47 चलाने में माहिर
लातेहार SP कार्यालय में हुआ आत्मसमर्पण, प्रशासन ने सराहा
मंगलवार को लातेहार SP कार्यालय में आयोजित आत्मसमर्पण समारोह में बड़ी सफलता सामने आई, जब जेजेएमपी (झारखंड जनमुक्ति परिषद) उग्रवादी संगठन के सब-जोनल कमांडर लवलेश गंझू ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। लवलेश पर झारखंड सरकार ने ₹5 लाख का इनाम घोषित किया था और वह लंबे समय से पुलिस के रडार पर था।
समारोह में पलामू जोनल IG सुनील भास्कर, लातेहार SP कुमार गौरव, गारू थाना प्रभारी पारस मणि और CRPF के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों ने लवलेश को शॉल और बुके देकर सम्मानित किया और मुख्यधारा में लौटने के लिए बधाई दी। साथ ही उसे ₹5 लाख का प्रतीकात्मक चेक भी सौंपा गया।
पप्पू लोहरा के मारे जाने के बाद अकेला बचा था लवलेश
पिछले महीने पुलिस मुठभेड़ में जेजेएमपी सुप्रीमो पप्पू लोहरा और प्रभात गंझू के मारे जाने के बाद संगठन में केवल लवलेश गंझू ही टॉप रैंकिंग नक्सली बचा था। इसके बाद से पुलिस का लगातार दबाव उस पर बना रहा। लवलेश कई बार एनकाउंटर से बचकर निकल गया, लेकिन हर तरफ से घिरने और संगठन के कमजोर होने के कारण अंततः उसे सरेंडर का निर्णय लेना पड़ा।
दर्ज हैं 50 से अधिक संगीन मामले
लवलेश गंझू, लातेहार जिले के बालुमाथ थाना अंतर्गत कुरियाम गांव का निवासी है। उसके खिलाफ लातेहार, चंदवा, बालुमाथ, मनिका, हेरहंज और जोबांग थाना क्षेत्रों में लगभग 50 मामले दर्ज हैं। लेवी वसूली, धमकी, हिंसा और हथियारबंद गतिविधियों में उसकी संलिप्तता रही है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि उसने किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर एक वाहन ईएमआई पर खरीदा था, लेकिन पैसों की कमी के चलते किश्तें नहीं भर सका।
संगठन में 2017 से था सक्रिय, AK-47 लेकर चलता था
SP कुमार गौरव ने जानकारी दी कि लवलेश 2017 में पप्पू लोहरा के कहने पर संगठन में शामिल हुआ था और तब से सब-जोनल कमांडर के रूप में लातेहार और लोहरदगा जिलों में लेवी वसूलने का कार्य कर रहा था। वह AK-47 हथियार से लैस रहता था, जिसे अब उसने संगठन में ही छोड़ दिया है।
IG की अपील: और नक्सली भी लौटें समाज की मुख्यधारा में
पलामू जोनल IG सुनील भास्कर ने सरेंडर को सरकार की पुनर्वास नीति की सफलता करार देते हुए कहा:
IG सुनील भास्कर: “हम अन्य नक्सलियों और उग्रवादियों से भी अपील करते हैं कि वे हथियार छोड़कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें।”
न्यूज़ देखो: हथियार से मुख्यधारा की ओर एक और क़दम
न्यूज़ देखो मानता है कि आत्मसमर्पण किसी भी हिंसक रास्ते का सबसे जिम्मेदार और सकारात्मक अंत होता है। लवलेश गंझू का सरेंडर ना सिर्फ पुलिस की कार्यकुशलता का परिणाम है, बल्कि यह सरकार की पुनर्वास नीति पर बढ़ते भरोसे को भी दर्शाता है।
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आइए एक जिम्मेदार नागरिक समाज बनाएं
हिंसा से समाज का भला नहीं होता। नक्सलवाद से ग्रस्त क्षेत्रों को तब ही राहत मिलेगी जब लोग हथियार छोड़कर शिक्षा, रोजगार और विकास का रास्ता चुनेंगे। इस खबर को साझा करें, अपने विचार कमेंट करें और युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।