
#पलामू #नक्सल_संगठन – झारखंड-बिहार सीमा पर सक्रिय टीएसपीसी के टॉप कमांडर पर शिकंजा कसने की कोशिशें तेज़, पुलिस अभियान में बढ़ी सघनता
- तरहसी थाना क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़
- टीएसपीसी के कमांडर शशिकांत गंझू एक बार फिर जंगल का लाभ उठाकर भाग निकला
- तीन जिलों में दर्जनों नक्सली घटनाओं में नाम शामिल, 10 लाख का इनामी
- पिछले तीन वर्षों में आधा दर्जन से अधिक बार हो चुकी है मुठभेड़
- पलामू, लातेहार, चतरा और गया के सीमावर्ती इलाकों में बदलता रहा है ठिकाना
- एसपी रीष्मा रमेशन के नेतृत्व में सघन तलाशी अभियान जारी
बढ़ते खुफिया इनपुट पर पुलिस की प्रतिक्रिया
पलामू के तरहसी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक बड़ी नक्सली मुठभेड़ हुई, जहां टीएसपीसी के वांछित टॉप कमांडर शशिकांत गंझू की मौजूदगी की सूचना मिली थी। हालांकि जंगलों का लाभ उठाकर वह एक बार फिर सुरक्षा बलों की पकड़ से फरार हो गया।
पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि उन्हें इनपुट मिला था कि शशिकांत का दस्ता किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में है। इसके बाद विशेष सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसके दौरान मुठभेड़ हुई।
“तरहसी इलाके में नक्सली गतिविधियों की सूचना के बाद हमने संयुक्त बल के साथ सर्च अभियान शुरू किया। मुठभेड़ के दौरान शशिकांत मौके पर मौजूद था लेकिन वह बच निकला।”
— रीष्मा रमेशन, एसपी पलामू
लगातार बदलता ठिकाना और टॉप लीडर की भूमिका
मनातू थाना क्षेत्र के डुमरी निवासी शशिकांत गंझू पर झारखंड सरकार ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। वह तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) का सबसे ताकतवर और सक्रिय कमांडर माना जाता है।
पूर्व में टीएसपीसी के सेकंड इन कमान “आक्रमण” की गिरफ्तारी के बाद से शशिकांत संगठन की पूरी कमान संभाल रहा है। पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक वह पलामू, लातेहार और चतरा में दर्जनों नक्सली घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है।
बार-बार मुठभेड़, हर बार बचाव
पिछले तीन वर्षों में शशिकांत गंझू के साथ आधा दर्जन से अधिक मुठभेड़ हो चुकी हैं। हर बार वह जंगल और इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों का लाभ उठाकर फरार होने में सफल रहा है। पुलिस के अनुसार वह गया, चतरा और लातेहार के सीमावर्ती इलाके में बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा है।
पुलिस-प्रशासन की रणनीतिक घेराबंदी
तरहसी की ताज़ा घटना के बाद पलामू, लातेहार और चतरा जिले में सुरक्षा बलों ने सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। खासकर सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वायड और नाइट पेट्रोलिंग जैसे संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है ताकि शशिकांत को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
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