Garhwa

नायक फिल्म की तरह नजर आए गढ़वा एसडीएम

गढ़वा जिला मुख्यालय में लंबे अरसे के बाद कोई अधिकारी अजीबोगरीब अंदाज में नजर आए। एसडीओ संजय कुमार पांडे नायक फिल्म की तरह सदर अस्पताल पहुंचे और वह आम मरीज बनकर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधा की जानकारी लिया। सोमवार की देर रात संजय कुमार पांडेय ने सबसे पहले उन्होंने इमरजेंसी ओपीडी में पर्ची कटवाते हुए डॉ राजेश कुमार से यह कहते हुए इलाज कराया की मेरे पत्नी का पेट में दर्द है। दवा लिख दीजिए उसके बाद चिकित्सक के द्वारा कोई जवाब नहीं मिला। दोबारा कहने पर चिकित्सक के द्वारा एक सादे पर्ची उठाकर उसमें दो दवा लिखते हुए पर्ची को हाथ में देने के बजाय फेंक दिया गया। उसके बाद एसडीओ ने जमीन से पर्ची उठाते हुए सीधे दवा दुकान पर पहुंचे। जहां दुकानदार से दवा लेकर वहां से बाहर निकले। जहां रांची जाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस की मांग करने लगे उस दौरान एम्बुलेंस में चालक वह अन्य लोग शराब के नशे में जुआ खेल रहे थे। जब एसडीओ ने रांची जाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंस चालक से किराया का बात किया तो एंबुलेंस चालकों ने कहा कि रांची जाने के लिए 6500 देना होगा। जब एसडीओ काफी रिक्वेस्ट करने लगे हैं उसके बाद भी चालकों के द्वारा कहां गया कि 6500 रुपए से 1 रुपए भी काम नहीं होगा। उसके बाद एसडीओ ने दूसरे वाहन से जाने की बात कही तब एंबुलेंस चालक ने यह करते हुए बोला कि यहां नंबर सिस्टम चलता है नंबर हमारा है हमारे अलावा यहां कोई भी एंबुलेंस जाने की हिम्मत नहीं है। इसके बाद एसडीओ ने कहा कि जहां किराया हमें कम लगेगा हम एंबुलेंस से जाएंगे। उसके बाद एसडीओ ब्लड बैंक जा पहुंचे। इस दौरान एसडीओ ने ब्लड बैंक का दरवाजा बंद पाया। उन्होंने ब्लड बैंक का दरवाजा खटखटाते हुए आवाज लगाया। कुछ देर बाद कोई नहीं आया तो ब्लड बैंक के दरवाजे पर एक नंबर लिखकर लगाया हुआ था। उसी नंबर पर फोन किए जाने पर एसडीओ के द्वारा बी पोजिटिव ब्लड का इमरजेंसी बताते हुए मांग किया गया। लेकिन ब्लड बैंक के कर्मियों के द्वारा बी पॉजिटिव ब्लड नहीं है। यह कहते हुए फोन को रख दिया जाता है।

इस संबंध में एसडीओ संजय कुमार ने कहा कि उपायुक्त शेखर जमुआर के निर्देश पर सदर अस्पताल में वे निरीक्षण करने पहुंचे थे। उस दौरान उन्हें ब्लड बैंक में ताला बंद बी पॉजिटिव ब्लड नहीं की बात चिकित्सक के द्वारा मरीज के साथ अच्छे से व्यवहार नहीं करने निजी एंबुलेंस के मनमानी किराया वसूली, ममता वाहन लोगों को समय पर नहीं मिलना, रात्रि में गानिंग वार्ड में चिकित्सक नहीं रहने आदि व्यवस्था पर उन्होंने चिंता जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल की स्थिति फिलहाल ठीक नहीं है। उसे सुधारने के लिए डीसी को जांच रिपोर्ट सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।

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