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एनडीए में सीटों पर संग्राम, हर तरफ हंगामा और बवाल तमाम!

एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर अभी अधिकारिक घोषणा भले ही नहीं हुई हो, लेकिन राजनीतिक गलियारों में एक्शन, इमोशन, और ड्रामा की तस्वीरें साफ दिखाई दे रही हैं। चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के अंदर और गठबंधन सहयोगियों के बीच तनातनी बढ़ गई है। सीट बंटवारे को लेकर कयासों का दौर तेज है, और इससे दावेदारों के बीच खींचतान, विरोध, और असमंजस की स्थिति बन रही है।

ध्यान देने की बात यह है कि झारखंड में 43 विधानसभा सीटों पर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ने अब तक अपने प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। भाजपा ने झारखंड के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची पहले ही फाइनल कर ली थी, लेकिन पार्टी अब इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी घोषणा का इंतजार कर रही है ताकि अपनी रणनीति को और मजबूत कर सके। देरी के पीछे दो कारण हैं: पहला, इंडिया गठबंधन को नए समीकरण का लाभ उठाने से रोकना, और दूसरा, संभावित बागी नेताओं को नियंत्रित करना जो टिकट न मिलने पर विपक्षी दलों में शामिल हो सकते हैं या निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी इस स्थिति से बचने के लिए बेहद सावधानी बरत रही है।

ईचागढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं का आजसू विरोध

ईचागढ़ सीट को लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं में नाराजगी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर सीट शेयरिंग की जो जानकारी वायरल हो रही है, उसके अनुसार यह सीट आजसू को दी जा रही है। इस पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताते हुए आजसू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कार्यकर्ता इस सीट को भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं और आजसू को इसे दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। मलखान सिंह के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस समझौते को अस्वीकार करने की मांग की है।

रांची-हटिया में सस्पेंस

रांची और हटिया सीटों पर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सूचियों के आधार पर भाजपा कार्यकर्ता और नेता अपने-अपने दावे कर रहे हैं। हालांकि, इन सूचनाओं का पार्टी की ओर से खंडन भी किया जा रहा है। इसी बीच, आजसू के नेता जितेंद्र सिंह और भाजपा की एक महिला नेत्री के कांग्रेस से संपर्क में होने की अटकलें भी तेज हैं। साथ ही, भाजपा के वरिष्ठ नेता रवींद्र राय के झामुमो के संपर्क में होने की खबर भी वायरल हो रही है, जिसे उन्होंने सार्वजनिक तौर पर खारिज किया है।

चंदनक्यारी सीट से उमाकांत रजक की चुनावी तैयारी

चंदनक्यारी सीट से चुनाव लड़ने की जिद्द पर अड़े आजसू के प्रधान महासचिव उमाकांत रजक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि वे चंदनक्यारी सीट से ही चुनाव लड़ेंगे, चाहे पार्टी कोई भी हो। माना जा रहा है कि वे जल्द ही झामुमो में शामिल होकर चुनाव लड़ सकते हैं। उनके इस कदम से आजसू पार्टी के नेतृत्व पर दबाव बढ़ गया है, जबकि भाजपा की परेशानियां भी बढ़ सकती हैं।

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दुमका में भाजपाई आपस में भिड़े

दुमका में टिकट को लेकर भाजपा के भीतर ही विवाद हो गया। पूर्व सांसद सुनील सोरेन और पूर्व मंत्री लुईस मरांडी के समर्थक आपस में भिड़ गए, जिसमें चाकूबाजी तक हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों दावेदार दुमका सीट से टिकट के प्रबल दावेदार हैं। इस झगड़े में सुनील सोरेन के समर्थकों द्वारा लुईस मरांडी के समर्थक अनुज सिंह पर चाकू से हमला करने की घटना सामने आई है, जिसे लेकर पुलिस जांच कर रही है।

इस प्रकार, एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर अब तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में उठापटक और आंतरिक संघर्ष से माहौल गरमा गया है।

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