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- गिरिडीह नगर भवन में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन किया गया।
- सम्मेलन में 3 से 18 वर्ष के बच्चों की शिक्षा, नामांकन और ठहराव पर चर्चा हुई।
- जिला शिक्षा अधीक्षक ने नई शिक्षा नीति और विद्यालयों की सुदृढ़ीकरण पर जोर दिया।
- मुखियाओं ने शिक्षा व्यवस्था सुधार के लिए अपने विचार और सुझाव दिए।
सम्मेलन का आयोजन और उद्देश्य
गिरिडीह में नगर भवन में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य नई शिक्षा नीति की जानकारी देना और 3 से 18 वर्ष के बच्चों का नामांकन, ठहराव, एवं 12वीं तक की शिक्षा पूर्ण कराने से संबंधित विषयों पर चर्चा करना था।
सम्मेलन का शुभारंभ पदाधिकारियों और मुखिया प्रतिनिधियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इस अवसर पर विभिन्न प्रखंडों के मुखियाओं ने भाग लिया।
मुख्य चर्चा बिंदु
- बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने पर जोर।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मध्याह्न भोजन की व्यवस्था में सुधार।
- विद्यालयों के आधारभूत संरचनाओं के विकास में जनप्रतिनिधियों का योगदान।
- नई शिक्षा नीति और निःशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर विस्तृत चर्चा।
मुखियाओं के विचार और सुझाव
सम्मेलन में कई मुखियाओं ने मंच से अपने सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें प्रमुख थे:
- मोहम्मद असगर इमाम (मुखिया धनवार)
- रवींद्र कुमार (मुखिया मरुआ)
- जगदीश प्रसाद (मुखिया डूंगरी)
- सहदेव यादव (मुखिया केंदुआ)
- सरिता साव (मुखिया बगोदर)
- अशोक लाल (मुखिया देवरी)
- दशरथ रविदास (मुखिया सलैडी)
- शब्बीर आलम (मुखिया तिलोदी)
जनप्रतिनिधियों से अपील
- जिला शिक्षा अधीक्षक ने मुखियाओं से शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने की अपील की।
- विद्यालय प्रबंधन समिति के कार्यों और दायित्वों पर प्रकाश डाला गया।
- मुखिया फंड के माध्यम से स्कूलों को सहयोग देने का आग्रह किया गया।
‘न्यूज़ देखो’ की अपील
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