नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में कॉपी छेड़छाड़ का मामला: मेडिकल छात्रों में नाराजगी, 6 दिन गायब रही कॉपियों पर सवाल

नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय (एनपीयू) में मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस सेकंड ईयर (सत्र 2021-25) की परीक्षा कॉपियों को लेकर विवाद सामने आया है। छात्रों का आरोप है कि कॉपियों के जांच में गड़बड़ी की गई है। यह मामला तब सामने आया जब 26 नवंबर को रिम्स रांची से प्राप्त हुई कॉपियां छह दिन बाद विश्वविद्यालय में जमा की गईं।


कॉपी गायब होने के आरोप और घटनाक्रम

  1. परीक्षा और कॉपी जांच
    • जुलाई 2024 में आयोजित सेकंड ईयर परीक्षा के बाद 98 छात्रों की कॉपियां जांच के लिए रिम्स रांची भेजी गई थीं।
    • 26 नवंबर को रिम्स के कोऑर्डिनेटर डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह ने यह कॉपियां विश्वविद्यालय के डॉ. एमके दीपक को सौंप दीं।
  2. छह दिनों की देरी
    • विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, कॉपियां 26 नवंबर को प्राप्त हुई थीं, लेकिन 2 दिसंबर को ही उन्हें विश्वविद्यालय में जमा किया गया।

सवाल यह उठता है कि इस अवधि में कॉपियां कहां थीं और उनके साथ क्या हुआ।


छात्रों के आरोप और गड़बड़ी की आशंका

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी ने आरोप लगाया कि कॉपियों में छेड़छाड़ की गई है। छात्रों का शक है कि कम नंबर वाले छात्रों से संपर्क कर उनकी उत्तर पुस्तिकाओं में बदलाव किया गया। यह आरोप कॉपियों के गायब होने के कारण और मजबूत हुआ।


प्रशासन और जिम्मेदार पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया

  1. डॉ. एमके दीपक का बयान
    • पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. दीपक ने कहा कि उन्होंने कॉपियां समय पर जमा कर दी थीं।
    • हालांकि, छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बयानों में विरोधाभास है।
  2. रिम्स का पक्ष
    • रिम्स कोऑर्डिनेटर डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह ने पुष्टि की कि कॉपियां 26 नवंबर को दी गई थीं।
  3. परीक्षा नियंत्रक का बयान
    • एनपीयू परीक्षा नियंत्रक डॉ. रविशंकर ने कहा कि कॉपियां 2 दिसंबर को प्राप्त हुईं।

क्या है आगे की राह?

छात्रों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। प्रशासन की भूमिका और कॉपियों के गायब रहने की अवधि को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस प्रकरण ने विश्वविद्यालय की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ऐसी ही घटनाओं की ताजा जानकारी और निष्पक्ष खबरों के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज देखो’ के साथ।

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