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पांकी में लापरवाही बनी मौत की वजह! प्रसव के बाद मां और नवजात की मौत से हड़कंप, फर्जी डॉक्टरों पर गंभीर आरोप

#पलामू #पांकीअस्पतालकांड — नशे में ऑपरेशन करने और फर्जी स्टाफ के आरोप, भाजपा नेत्री ने कहा “यह हत्या है, नहीं लूंगी चुप्पी”

निजी अस्पताल बना मौत का अड्डा, दो जिंदगियां गईं हमेशा के लिए

झारखंड के पलामू जिला अंतर्गत पांकी प्रखंड में गुरुवार को घटी एक दर्दनाक घटना ने न केवल प्रशासन बल्कि पूरे चिकित्सा तंत्र को सवालों के घेरे में ला दिया है। पांकी के एक निजी नर्सिंग होम में प्रसव के दौरान ममता कुमारी और उनके नवजात शिशु की मौत हो गई। यह मामला तब तूल पकड़ गया जब परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर फर्जी और लापरवाह इलाज का आरोप लगाया।

नशे में किया गया ऑपरेशन, रेफर की मांग को किया गया अनसुना

ममता के पति सोनू कुमार ने दर्ज प्राथमिकी में बताया कि रात करीब एक बजे ममता को भर्ती कराया गया था। उनकी हालत बिगड़ने लगी, और उन्होंने कई बार डॉक्टर से बड़े अस्पताल में रेफर करने की मांग की, लेकिन डॉ. किरण सिंह ने कह दिया कि यहीं इलाज होगा और ऑपरेशन कर दिया गया।

सोनू कुमार ने कहा: “हमने कहा कि रेफर कर दीजिए, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि यहीं ठीक हो जाएगा। फिर उन्होंने ऑपरेशन किया और मेरी पत्नी और बच्चा दोनों चले गए।”

अप्रशिक्षित लोग थे ऑपरेशन थियेटर में मौजूद!

परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के दौरान डॉ. किरण सिंह के साथ मौजूद थे मिथलेश कुमार यादव, पंचायत समिति सदस्य नूरू, संस्कार सोनी और अखिलेश गुप्ता — जिनमें से कोई भी प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी नहीं था। इतना ही नहीं, नर्सिंग होम में इमरजेंसी सुविधाएं तक मौजूद नहीं थीं

भाजपा नेत्री का कड़ा रुख, कहा “यह सिर्फ लापरवाही नहीं, हत्या है”

घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा नेत्री और पूर्व जिला परिषद सदस्य लवली गुप्ता ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।

लवली गुप्ता ने कहा: “यह केवल चिकित्सा लापरवाही नहीं, बल्कि हत्या जैसा अपराध है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि ऐसे फर्जी अस्पतालों पर लगाम लगे।”

प्रशासन ने लिया संज्ञान, जांच टीम गठित

मामले के बाद प्रशासन हरकत में आया और निजी अस्पताल के प्रबंधन को हिरासत में ले लिया गया हैस्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम अब इस नर्सिंग होम के पंजीकरण, स्टाफ की योग्यता और अन्य व्यवस्थाओं की जांच करेगी।

जनता में आक्रोश, सिस्टम पर उठे सवाल

इस घटना के बाद पांकी क्षेत्र में जन आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोग कहते हैं कि बिना लाइसेंस और प्रशिक्षण के कई अस्पताल वर्षों से चल रहे हैं, जहां गरीब मरीजों की जान पैसे के लालच में दांव पर लगाई जाती है

स्थानीय निवासी ने कहा: “ममता की मौत सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, यह सिस्टम की विफलता का आईना है। अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो रोज़ इसी तरह घरों की चिता सजेगी।”

न्यूज़ देखो: मौत नहीं, यह सिस्टम की साजिश है

ममता और उनके नवजात की मौत एक हादसा नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा और प्रशासनिक व्यवस्था की कमजोरी का चेहरा है। इस घटना ने साबित कर दिया कि फर्जी अस्पताल और लापरवाह अधिकारी गरीबों की ज़िंदगी से खेल रहे हैं। न्यूज़ देखो मांग करता है कि इस मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आपकी जागरूकता ही बचा सकती है किसी की जान

क्या आपके आसपास भी ऐसे अस्पताल हैं जिनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं? आवाज उठाइए। ममता की मौत एक चेतावनी है। आइए, हम सब मिलकर स्वास्थ्य व्यवस्था को जवाबदेह बनाने का संकल्प लें। इस खबर को साझा करें और चर्चा में भाग लें — शायद इससे एक और ममता बच जाए।

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