Palamau

जल जीवन मिशन में लापरवाही: जैतुखाड़ में अधूरा पड़ा पानी टंकी निर्माण

Join News देखो WhatsApp Channel
#पलामू #जलजीवनमिशन : जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर बसे गांव में अधूरा पड़ा काम ग्रामीण अब भी कुएं के पानी पर निर्भर
  • जैतुखाड़ बढ़ई टोला में जल जीवन मिशन का काम अधर में लटका।
  • संवेदक ने 30 फीट बोरिंग और नींव का काम अधूरा छोड़ दिया।
  • सरकारी चापाकल तक नहीं लगा, ग्रामीण आज भी कुएं के पानी पर निर्भर।
  • 80 वर्षीय कइल भुइयां ने कहा— “मेरे जीते-जी नल से जल नहीं मिलेगा।”
  • उपेंद्र शर्मा बोले— “बरसात में गंदा पानी पीकर बच्चे बीमार पड़ते हैं।”
  • ग्रामीणों ने चेताया— जल्द काम पूरा न हुआ तो आंदोलन करेंगे।

पलामू जिले के नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड के जुरु पंचायत अंतर्गत जैतुखाड़ के बढ़ई टोला में जल जीवन मिशन की लापरवाही साफ दिख रही है। यहां पानी टंकी निर्माण कार्य की नींव भर कर ही छोड़ दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक ने महज 30 फीट बोरिंग और स्ट्रक्चर की प्लिंथ बनाने के बाद काम पूरी तरह ठप कर दिया। परिणामस्वरूप गांव के लोग आज भी कुएं और नदी के पानी पर निर्भर हैं।

अधूरा काम और अधूरी उम्मीदें

गांव में बड़ी संख्या में ऋषिमुनि (भुइयां) और बढ़ई परिवार रहते हैं। जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस टोले में न तो सड़क की सुविधा है और न ही पेयजल की। ग्रामीणों ने बताया कि आज तक यहां एक भी सरकारी चापाकल नहीं लगाया गया। बावजूद इसके, योजनाओं और कागजों में इस गांव को ‘नल से जल’ उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है।

वृद्ध ग्रामीण की पीड़ा

करीब 80 वर्षीय कइल भुइयां ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा—

कइल भुइयां: “सरकार हर घर नल से जल पहुंचाने की बात करती है, लेकिन हमारा गांव आज भी प्यासा है। संवेदक आधा काम करके भाग गया। अब हमें फिर से पुराने कुएं का सहारा लेना पड़ रहा है। लगता है मेरे जीते-जी नल से जल नहीं मिल पाएगा।”

गंदे पानी से बीमारी का खतरा

वहीं ग्रामीण उपेंद्र शर्मा ने बरसात में होने वाली दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा—

उपेंद्र शर्मा: “हम तीनों तरफ से नदी से घिरे हैं। बरसात के समय कुएं का पानी गंदा हो जाता है। बच्चे बीमार पड़ते हैं, लेकिन मजबूरी में हमें वही पानी पीना पड़ता है। विकास से कोसों दूर हैं हम।”

ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो पदाधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही काम शुरू हुआ है।

आंदोलन की चेतावनी

गांव के लोगों ने साफ कर दिया है कि अगर जल्द ही पानी टंकी निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उनका कहना है कि जब जिला मुख्यालय के करीब बसे गांव में ही यह स्थिति है तो दूरस्थ क्षेत्रों का हाल और भी खराब होगा।

न्यूज़ देखो: योजनाओं की जमीनी हकीकत पर सवाल

जैतुखाड़ का यह मामला बताता है कि योजनाओं की घोषणा और जमीनी हकीकत में कितना बड़ा अंतर है। जल जीवन मिशन जैसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का लाभ तब तक लोगों तक नहीं पहुंचेगा जब तक संवेदकों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी। पलामू के ग्रामीणों की यह मजबूरी प्रशासनिक तंत्र की असफलता को उजागर करती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पानी है जीवन लापरवाही से बढ़ रही है पीड़ा

जैतुखाड़ के ग्रामीण आज भी स्वच्छ पानी से वंचित हैं। यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि एक जनजीवन से जुड़ी गंभीर समस्या है। अब समय है कि अधिकारी और समाज मिलकर इस स्थिति को बदलने के लिए कदम उठाएं। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि आवाज और बुलंद हो सके।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250604-WA0023 (1)
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250610-WA0011
20250923_002035
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: