
#गढ़वा #सदरअस्पताल #लापरवाही – मंगलवार को होती है केवल एक दिन की ओपीडी, लेकिन डॉक्टर ड्यूटी से रहे गायब
- सिर्फ मंगलवार को संचालित होती है नेत्र रोग ओपीडी
- 13 मरीजों ने पर्ची कटवाकर किया इंतजार, डॉक्टर नहीं पहुंचे
- बिना सूचना ड्यूटी से गायब रहे डॉ. राहुल कुमार
- नेत्र सहायक की ड्यूटी भी हटाई गई, मरीजों को हो रही परेशानी
- ओपीडी के लिए पर्ची काटने पर भी इलाज नहीं, मरीजों ने जताया आक्रोश
अस्पताल की मनमानी से मरीज बेहाल
गढ़वा सदर अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी एक बार फिर उजागर हुई। मंगलवार को संचालित नेत्र रोग ओपीडी में चिकित्सक डॉ. राहुल कुमार पूरे दिन बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहे, जिससे 13 मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा।
ड्यूटी रोस्टर का नहीं कोई पालन
जानकारी के अनुसार, सदर अस्पताल में नेत्र रोग ओपीडी केवल मंगलवार को ही संचालित होती है। अस्पताल प्रबंधन के ड्यूटी रोस्टर के अनुसार शुक्रवार को ऑपरेशन थियेटर (OT) कार्य निर्धारित है, लेकिन वह भी अक्सर निष्क्रिय रहता है। डॉ. राहुल कुमार को नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में विगत एक वर्ष पूर्व पदस्थापित किया गया था, लेकिन उन्होंने अब तक एक दर्जन भी मोतियाबिंद ऑपरेशन नहीं किए हैं। लाखों रुपये की लागत से तैयार नेत्र ओटी का कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
मरीज बोले—”हम ठगे गए”
केतार से आए रामविचार साहु ने बताया कि वे अपनी पत्नी तेत्री देवी के साथ नेत्र जांच कराने आए थे।
“हमने पर्ची कटवाई और पूरे दिन इंतजार किया। न तो डॉक्टर आए, न कोई सूचना मिली। जब डॉक्टर को आना ही नहीं था तो पर्ची क्यों कटवाई गई? हम ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।” — रामविचार साहु
नेत्र सहायक को भी हटा दिया गया
ओपीडी में मरीजों की प्राथमिक जांच और सलाह देने वाले नेत्र सहायक सत्येंद्र कुमार को हाल ही में डंडा अस्पताल भेज दिया गया है। इससे स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है, क्योंकि अब ना डॉक्टर रहते हैं और ना ही सहायक।
प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल
सबसे चिंताजनक बात यह है कि नेत्र रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति की जानकारी के बावजूद उपाधीक्षक डॉ. हरेनचंद्र महतो अनजान बने रहे। डॉक्टर की अनुपस्थिति की सूचना न देना और फिर भी पर्ची कटवाना, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का बड़ा उदाहरण है।
शोकाज का आदेश
इस लापरवाही पर उपाधीक्षक ने बयान दिया है:
“नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल कुमार बिना किसी सूचना के गायब हैं। उन्होंने छुट्टी के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है। अतएव उन्हें शोकाज किया जा रहा है।” — डॉ. हरेनचंद्र महतो, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल गढ़वा

‘न्यूज़ देखो’ की अपील : सरकारी स्वास्थ्य सेवा में जवाबदेही जरूरी
गढ़वा के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। लेकिन जब विशेषज्ञ डॉक्टर नियमित ड्यूटी पर नहीं आएंगे और अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे रहेगा, तो आम जनता का विश्वास टूटेगा।
‘न्यूज़ देखो’ हर उस आवाज को मंच देगा जो व्यवस्था में सुधार लाने की मांग करती है।
स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में लापरवाही को रोकने के लिए सख्त निगरानी और कार्रवाई समय की मांग है।