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डंकी रूट से अमेरिकी सपना बेचने वाला नेटवर्क धराशायी, हजारीबाग में पुलिस की बड़ी कार्रवाई में पांच गिरफ्तार

#हजारीबाग #मानव_तस्करी : अमेरिकी सपनों की आड़ में ठगी का खेल, डंकी रूट से युवाओं की जिंदगी से हुआ सौदा

झारखंड के हजारीबाग जिले में पुलिस ने एक बड़े मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया, जो बेरोजगार युवाओं को अमेरिका भेजने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ रहा था। इस गिरोह का मुख्य सरगना उदय कुमार कुशवाहा समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया कि ये गिरोह युवाओं को ब्राजील के रास्ते अमेरिका पहुंचाने के लिए कुख्यात डंकी रूट का इस्तेमाल कर रहा था।

युवाओं के सपनों को बेचने वाला नेटवर्क कैसे काम करता था?

पुलिस के अनुसार, गिरोह बेरोजगार युवाओं को अमेरिका में नौकरी का सपना दिखाता था। पीड़ित सोनू कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि उदय कुशवाहा ने झूठे दस्तावेज तैयार कर उसे ब्राजील भेजा, जहां से उसे खतरनाक डंकी रूट के जरिए अमेरिका ले जाया जाना था। इसी तरह, विकास कुमार और पिंटू कुमार नामक युवकों को भी इसी प्लान के तहत ब्राजील भेजा गया।

गिरोह की चालबाजी यहीं खत्म नहीं हुई। ब्राजील पहुंचते ही इन युवाओं को मानव तस्करों के हवाले कर दिया गया, जिन्होंने उन्हें बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा, कोस्टा रिका, होंडुरास और ग्वाटेमाला होते हुए अमेरिका तक ले जाने का प्रयास किया।

मौत से खेलते रास्ते और बंधक बनाकर वसूली

सोनू कुमार ने पुलिस को बताया कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें बंधक बनाकर रखा गया। उदय कुशवाहा ने उसके पिता को फोन कर पैसे मांगे। मजबूर होकर परिवार ने जमीन बेचकर लाखों रुपये दिए। इस सबके बावजूद, सोनू अमेरिकी सीमा पर पकड़ा गया और हिरासत केंद्र में चार महीने रहने के बाद मार्च 2025 में भारत लौटा।

जब सोनू ने पैसे वापस मांगे, तो उदय और उसके भाई ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।

12 साल का नेटवर्क और 12 से ज्यादा शिकार

हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने बताया कि छापेमारी के दौरान मास्टरमाइंड समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला है कि यह गिरोह 2013 से 2022 तक कम से कम 12 युवाओं को अवैध तरीके से अमेरिका भेज चुका था। पुलिस ने उदय कुशवाहा का मोबाइल जब्त कर लिया है, जिससे कई अहम सबूत मिले हैं।

एसपी अंजनी अंजन ने कहा: “यह मामला अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी से जुड़ा है। गिरोह के तार कई राज्यों और देशों से जुड़े हो सकते हैं। हम मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं।”

गिरोह का कनेक्शन और बड़ा नेटवर्क

जांच एजेंसियों का मानना है कि इस नेटवर्क के लिंक दिल्ली, बिहार और विदेशी माफियाओं से जुड़े हैं। ऐसे रैकेट युवाओं को डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचाने का दावा करते हैं, जो बेहद खतरनाक और जानलेवा रास्ता माना जाता है।

न्यूज़ देखो: अवैध नेटवर्क पर पुलिस की कड़ी चोट

यह कार्रवाई साफ दिखाती है कि कैसे युवाओं की बेरोजगारी का फायदा उठाकर अपराधी संगठित गिरोह खड़ा कर लेते हैं। ऐसे मामलों में न सिर्फ सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है, बल्कि युवाओं को जागरूक करना भी उतना ही अहम है, ताकि कोई विदेशी सपनों के लालच में अपनी जान जोखिम में न डाले।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब वक्त है जागरूक होने का और दूसरों को बचाने का

अमेरिका जाने का लालच कई बार जानलेवा साबित हो सकता है। हमें अपने आस-पास ऐसे किसी भी गिरोह या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देनी चाहिए। आप क्या सोचते हैं इस गिरोह के खिलाफ हुई कार्रवाई पर? अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि कोई और इस ठगी का शिकार न बने।

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