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खूंटी में रेलवे विकास का नया अध्याय: गोविंदपुर रोड स्टेशन अब पूरी तरह आधुनिक, पीएम मोदी ने किया डिजिटल उद्घाटन

#खूंटी #रेलवेउद्घाटन – गोविंदपुर रोड स्टेशन की तस्वीर पूरी तरह बदली, अब यात्रियों को मिलेगी आधुनिक सुविधाएं और सांस्कृतिक अनुभव

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से गोविंदपुर रोड स्टेशन का उद्घाटन किया
  • 6.65 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन को बनाया गया हाईटेक और पर्यावरण-अनुकूल
  • कार्यक्रम में मंत्री दीपक बिरुआ, अर्जुन मुंडा और विधायक सुदीप गुड़िया रहे मौजूद
  • नया स्टेशन दिव्यांग-अनुकूल, लिफ्ट, रैंप, स्पर्श पथ और एलईडी लाइट से युक्त
  • स्टेशन परिसर में झारखंड की कला और संस्कृति की झलक
  • अमृत भारत योजना के तहत झारखंड के 57 स्टेशनों का हो रहा कायाकल्प

गोविंदपुर रोड स्टेशन पर नया रूप, नई सुविधाएं

खूंटी जिले के गोविंदपुर रोड रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 6.65 करोड़ रुपये की लागत से पूरी तरह पुनर्विकसित किया गया है। यह स्टेशन दक्षिण पूर्व रेलवे के रांची डिवीजन के हटिया-राउरकेला रेलखंड पर स्थित है। पुनर्विकास की आधारशिला 26 फरवरी 2024 को रखी गई थी और अब यह स्टेशन एक आधुनिक, डिजिटल और यात्री सुविधाओं से लैस केंद्र बन चुका है।

उद्घाटन समारोह में शामिल हुए मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि

गुरुवार को हुए डिजिटल उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 103 स्टेशनों के साथ गोविंदपुर रोड, राजमहल और शंकरपुर स्टेशन का लोकार्पण किया। खूंटी में आयोजित समारोह में राज्य के भूमि एवं राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, और तोरपा से विधायक सुदीप गुड़िया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

स्टेशन में यात्रियों को मिलेंगी ये हाईटेक सुविधाएं

गोविंदपुर रोड स्टेशन में अब यात्रियों को कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें शामिल हैं:

  • नवीन स्टेशन बिल्डिंग और बड़ा प्रतीक्षालय
  • कंप्यूटरीकृत टिकट काउंटर और ऊंचे प्लेटफॉर्म
  • विस्तारित प्लेटफॉर्म शेड और एलईडी लाइटिंग
  • फुटओवर ब्रिज, लिफ्ट, चौड़ी सड़कें और विकसित पार्किंग
  • रैंप और स्पर्श पथ के साथ दिव्यांग-अनुकूल व्यवस्था
  • स्वच्छ पेयजल और पर्यावरणीय अनुकूल निर्माण शैली

स्थानीय कला और संस्कृति से सजी स्टेशन की दीवारें

पुनर्विकास के दौरान स्टेशन परिसर को स्थानीय सांस्कृतिक कलाकृतियों से सजाया गया है। दीवारों पर आदिवासी कला, झारखंडी परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को उकेरा गया है, जिससे यह स्टेशन अब केवल एक यात्रा का माध्यम नहीं बल्कि संस्कृति का केंद्र भी बन गया है।

राजमहल और शंकरपुर स्टेशन का भी हुआ कायाकल्प

झारखंड के साहेबगंज जिले के राजमहल और देवघर जिले के शंकरपुर स्टेशन का भी पुनर्विकास कार्य लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। ये स्टेशन भी अब आधुनिक तकनीक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से सुसज्जित किए गए हैं।

राज्य में रेलवे विकास की गति तेज

रेलवे विभाग के अनुसार, झारखंड के 57 रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत योजना में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत रेलवे न केवल यात्रियों को उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान कर रहा है, बल्कि स्थानीय संस्कृति, कला और विरासत को भी संरक्षित करने की दिशा में प्रयासरत है।

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