
#गढ़वा #रोजगार_विकास : फरठिया पंचायत में मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के सहयोग से बुनकरों को मिला संगठित पहचान का अवसर
- फरठिया पंचायत में अहिल्याबाई कंबल बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड को मिला निबंधन प्रमाणपत्र।
- प्रमाणपत्र जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी ने अध्यक्ष नागेंद्र पाल को सौंपा।
- मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड द्वारा स्थापित किया जा रहा है कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC)।
- स्थानीय बुनकरों को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे।
- गढ़वा राज्य स्तर पर कंबल निर्माण के क्षेत्र में बनाएगा नई पहचान।
गढ़वा जिले के फरठिया पंचायत में आज का दिन स्थानीय बुनकरों के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, जब अहिल्याबाई कंबल बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड को आधिकारिक रूप से निबंधन प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। यह न केवल स्थानीय कारीगरों की पहचान को नई दिशा देता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
निबंधन प्रमाणपत्र का वितरण समारोह
गढ़वा जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी ने एक सादे लेकिन प्रेरणादायक समारोह में अहिल्याबाई कंबल बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष नागेंद्र पाल को निबंधन प्रमाणपत्र सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह समिति स्थानीय बुनकरों के लिए रोजगार, प्रशिक्षण और विपणन के नए अवसर खोलेगी। उन्होंने कहा कि जब परंपरागत कौशल को संगठनात्मक ढांचे में जोड़ा जाता है, तो उसकी उत्पादन क्षमता और बाज़ार मूल्य दोनों बढ़ते हैं।
नीलम कुमारी ने कहा: “गढ़वा के बुनकर अपनी मेहनत और हुनर से पूरे राज्य में पहचान बनाएंगे। सहकारिता विभाग हर संभव सहयोग के लिए तत्पर रहेगा।”
मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड की पहल
उद्योग विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, गढ़वा इकाई द्वारा फरठिया पंचायत में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) की स्थापना की जा रही है। इस सेंटर के माध्यम से कंबल बुनाई से जुड़े सभी उपकरण, प्रशिक्षण और विपणन सहायता एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। इससे न केवल उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि बुनकरों को संगठित पहचान भी मिलेगी।
प्रखंड उद्यमी समन्वयक आशीष कुमार सिंह ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य स्थानीय कौशल को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना है ताकि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ सकें।
आशीष कुमार सिंह ने कहा: “गढ़वा जल्द ही कंबल निर्माण के क्षेत्र में राज्य स्तर पर अग्रणी जिला बनेगा। स्थानीय प्रतिभा को सही मंच और संसाधन मिल रहे हैं।”
स्थानीय बुनकरों में दिखा उत्साह
प्रमाणपत्र वितरण के अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय बुनकर मौजूद रहे। उन्होंने इस पहल को रोजगार सृजन की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। बुनकरों ने कहा कि अब उन्हें अपने उत्पादों को बड़े बाज़ार तक पहुँचाने का मौका मिलेगा। पहले जहां उन्हें विपणन और प्रशिक्षण की कमी का सामना करना पड़ता था, वहीं अब सहकारी समिति के माध्यम से उन्हें संगठित रूप से काम करने का अवसर मिलेगा।
स्थानीय बुनकर लक्ष्मी देवी ने कहा कि यह कदम उनके जीवन में नया उजाला लाएगा। “अब हमें उम्मीद है कि सरकार और विभाग के सहयोग से हम अपने उत्पाद को ब्रांड के रूप में पहचान दिला पाएंगे,” उन्होंने कहा।
संगठन की भूमिका और भविष्य की योजना
अहिल्याबाई कंबल बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड का उद्देश्य सिर्फ कंबल निर्माण तक सीमित नहीं रहेगा। समिति आने वाले समय में प्रशिक्षण शिविर, डिज़ाइन सुधार कार्यक्रम और महिला स्व-सहायता समूहों के साथ समन्वय जैसी गतिविधियों को भी आगे बढ़ाएगी। समिति के अध्यक्ष नागेंद्र पाल ने कहा कि यह निबंधन न केवल एक दस्तावेज़ है बल्कि एक नई जिम्मेदारी भी है।
नागेंद्र पाल ने कहा: “हमारा लक्ष्य है कि गढ़वा जिला झारखंड में बुनकर उद्योग का मॉडल बने। हर बुनकर को पहचान और सम्मान मिले।”
कार्यक्रम में संस्थान निदेशक बिमल कुमार, उपसचिव दीपिका कुमारी, और काउंसलर सुष्मिता सिंह भी उपस्थित थीं। सभी ने इस पहल को आत्मनिर्भर भारत अभियान की भावना से जुड़ा कदम बताया।
न्यूज़ देखो: गढ़वा में रोजगार का नया ताना-बाना
गढ़वा में अहिल्याबाई कंबल बुनकर सहकारी समिति को निबंधन मिलना केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान की कहानी है। स्थानीय कौशल को संगठित मंच देना और आधुनिक साधनों से जोड़ना रोजगार और सम्मान दोनों की गारंटी है। यदि इस तरह की पहलें अन्य पंचायतों तक भी पहुँचाई जाएँ, तो झारखंड के हजारों परिवार आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
हुनर से आत्मनिर्भरता की ओर
गढ़वा के बुनकरों की मेहनत अब नई पहचान की ओर बढ़ रही है। यह समय है जब हम सब स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करें। आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार होगा जब हर गांव की प्रतिभा को सही मंच मिलेगा। आप भी स्थानीय उत्पादों का समर्थन करें, अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को साझा करें ताकि जागरूकता और रोजगार दोनों बढ़ें।