महुआडांड़ में शिक्षा की नई दस्तक: डिग्री कॉलेज खोलने की मांग तेज़

#महुआडांड़ #उच्चशिक्षासंकट – ग्रामीणों और युवाओं ने जनप्रतिनिधियों से जल्द पहल की अपील

दूर शिक्षा का सपना, पास में नहीं है विकल्प

महुआडांड़ अनुमंडल के हजारों छात्र-छात्राएं आज भी डिग्री कॉलेज की अनुपस्थिति में मजबूरी में पढ़ाई छोड़ने या शहर पलायन करने को विवश हैं। इस क्षेत्र में अब तक कोई भी सरकारी डिग्री महाविद्यालय की स्थापना नहीं हो सकी है, जिससे ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था पिछड़ गई है

“हर साल कई लड़कियां सिर्फ इसलिए पढ़ाई छोड़ देती हैं क्योंकि उन्हें बाहर नहीं भेजा जा सकता,” एक स्थानीय अभिभावक ने कहा। लंबी दूरी तय कर शिक्षा पाने की चुनौती, विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए असहनीय होती जा रही है।

शिक्षा के साथ जुड़े रोजगार और सामाजिक सुधार

ग्रामीणों और शिक्षाविदों का मानना है कि डिग्री कॉलेज खुलने से क्षेत्र के युवाओं को न केवल बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा, बल्कि रोजगार के भी रास्ते खुलेंगे

कॉलेज के अभाव में महुआडांड़ और आसपास के गांवों के बच्चे डाल्टनगंज, लातेहार, रांची जैसे शहरों का रुख करने को मजबूर हैं। इससे आर्थिक बोझ बढ़ता है और कई प्रतिभाएं समय से पहले पढ़ाई छोड़ देती हैं।

“डिग्री कॉलेज खुलने से हमारी पीढ़ी शिक्षित होगी, और गांव का भविष्य उज्ज्वल बनेगा”।

जनप्रतिनिधियों को दी गई सामूहिक मांग-पत्र

सांसद कालीचरण सिंह और विधायक रामचंद्र सिंह को स्थानीय ग्रामीणों व युवाओं द्वारा ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें महुआडांड़ अनुमंडल मुख्यालय पर शीघ्र डिग्री कॉलेज की स्थापना की मांग की गई है

ग्रामीणों ने यह भी चेताया कि यदि समय पर ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। इस बीच, सोशल मीडिया पर भी ‘महुआडांड़ को कॉलेज दो’ अभियान शुरू किया गया है, जिसे युवाओं का समर्थन मिल रहा है।

न्यूज़ देखो : शिक्षा की आवाज़ को बुलंद करता माध्यम

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