#धनबाद #स्वास्थ्य_घोटाला – आयुष्मान योजना की साख पर सवाल, सर्जिकल सामग्री और दवा आपूर्ति में अनदेखी उजागर
- धनबाद के 170 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के लिए सर्जिकल ड्रम की जगह भेज दिए गए राशन ड्रम
- पांच महीने से वेयरहाउस में पड़े हैं अनुपयोगी ड्रम, दिसंबर 2024 में हुई थी खरीदारी
- विशेष आकार और ढक्कन वाला होना चाहिए सर्जिकल ड्रम, लेकिन भेजे गए घरेलू स्टील ड्रम
- सदर अस्पताल में भी बेहोशी की दवा की आपूर्ति में गड़बड़ी, मांगी गई एनोवीन, आई घटिया दवा
- स्वास्थ्य अधिकारियों ने जांच की बात कही, लेकिन अभी तक नहीं तय कोई कार्रवाई
- स्वास्थ्य विभाग की एक के बाद एक लापरवाहियों से मरीजों की सुरक्षा पर मंडरा रहा संकट
सर्जिकल की जगह पहुंचा राशन स्टील ड्रम, पांच महीने से वेयरहाउस में
धनबाद के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रयोग होने वाले सर्जिकल ड्रम की जगह सामान्य राशन ड्रम की खरीदारी कर दी गई है। यह गड़बड़ी दिसंबर 2024 में ही सामने आ चुकी थी, लेकिन अब तक ना तो इन्हें उपयोग में लाया गया और ना ही लौटाया गया। लगभग 170 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में ये ड्रम भेजे जाने थे, लेकिन पिछले 5 महीनों से वेयरहाउस में ही रखे हुए हैं।
तकनीकी जरूरतों को दरकिनार कर ली गई गलत खरीद
सर्जिकल ड्रम को ऑपरेशन थिएटर और ड्रेसिंग रूम जैसी संवेदनशील जगहों पर प्रयोग किया जाता है। इनमें विशेष ढक्कन और आकार होता है, ताकि संक्रमण से बचाव किया जा सके। मगर विभाग ने जो ड्रम मंगाए हैं, वे वही घरेलू स्टील ड्रम हैं, जिनमें राशन या पानी रखा जाता है। सर्जिकल ट्रे की खरीद सही हुई, लेकिन ड्रम को लेकर की गई यह गलती गंभीर तकनीकी लापरवाही मानी जा रही है।
अधिकारी मामले पर चुप, कार्रवाई का कोई संकेत नहीं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सामान की आपूर्ति की जांच की जा रही है और उसके बाद ही आगे की प्रक्रिया तय होगी। लेकिन कोई अधिकारी स्पष्ट रूप से जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।
“आपूर्ति किए गए सामान देखे जा रहे हैं। इसके बाद ही कुछ आगे का किया जा सकता है।” — नीरज कुमार, डीपीएम, स्वास्थ्य विभाग, धनबाद
सदर अस्पताल में दवा सप्लाई में भी बड़ी चूक
धनबाद के सदर अस्पताल में भी लापरवाही का नया मामला सामने आया है। यहां बेहोशी की दवा ‘एनोवीन’ की मांग की गई थी, लेकिन उसकी जगह कम गुणवत्ता वाली दूसरी दवा भेज दी गई है। यह दवा जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत खरीदी गई थी। बताया जा रहा है कि सप्लायर सिंदरी की एजेंसी है, जबकि उसका पंजीकरण रांची का है, जिससे आपूर्ति में गड़बड़ी का संदेह और गहराता है।
बुधवार को अस्पताल में इस मुद्दे पर पूरे दिन चर्चा होती रही। स्टोर रूम का निरीक्षण किया जाएगा और उसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी, लेकिन इससे पहले ही मरीजों की सुरक्षा पर बड़ा खतरा बन चुका है।
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