#लातेहार #विकास : आदिम जनजाति बहुल गांव को मिलेगा शिक्षा स्वास्थ्य और सामुदायिक सुविधाओं का नया केंद्र
- गारू प्रखंड के मारोमार गांव में मल्टीपर्पस केंद्र का शिलान्यास।
- विधायक रामचंद्र सिंह ने नारियल फोड़कर किया उद्घाटन।
- केंद्र में आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र और विवाह हॉल की सुविधा।
- आदिम जनजाति परिवारों को शिक्षा और स्वास्थ्य में मदद मिलेगी।
- ग्रामीणों को अब छोटी जरूरतों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
लातेहार जिले के गारू प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल मारोमार गांव में रविवार को ग्रामीणों के लिए एक बड़ा तोहफा मिला। यहां मल्टीपर्पस केंद्र का शिलान्यास स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह ने नारियल फोड़कर किया। उनके साथ गारू की प्रखंड प्रमुख सीता देवी और ग्राम प्रधान कल्याण बृजिया भी मौजूद रहीं।
आदिम जनजातियों के लिए नई उम्मीद
शिलान्यास के मौके पर विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार आदिम जनजातियों के विकास को लेकर लगातार कार्य कर रही है। मारोमार में बनने वाला यह केंद्र शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक गतिविधियों के लिए एक मजबूत आधार साबित होगा।
सुविधाओं से भरा केंद्र
इस मल्टीपर्पस केंद्र में आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, विवाह हॉल और अन्य सामुदायिक सुविधाएं शामिल होंगी। विधायक ने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों को अब छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर ही सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
सामुदायिक गतिविधियों का नया स्थल
विधायक ने कहा कि यह केंद्र केवल एक इमारत नहीं बल्कि ग्रामीणों के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रमुख स्थल बनेगा। आदिम जनजाति परिवारों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा।
कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब
शिलान्यास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं की उपस्थिति ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि मनोज यादव, उप प्रमुख रामदास यादव, उमेश प्रसाद, ओम प्रकाश कुमार, निजामुद्दीन, मंजर कसीम आलम, अमृतेश्वर सिंह, धनेश्वर यादव, अखिलेश यादव, अशोक राम और पवन कुमार समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण विकास का मजबूत कदम
मनिका विधानसभा क्षेत्र में इस मल्टीपर्पस केंद्र का निर्माण सरकार की ग्रामीण विकास और आदिम जनजातियों के कल्याण के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। ऐसे प्रयास न केवल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकजुटता को भी मजबूती देंगे।
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यह पहल हमें सिखाती है कि विकास तभी संभव है जब समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचें। अब समय है कि हम सब इस सकारात्मक बदलाव में अपना सहयोग दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि विकास की रोशनी हर गांव तक पहुंचे।