
#सिमडेगा #पर्यटन_विकास : जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने केलाघाघ डैम से चिमटीघाट तक नए ट्रैकिंग मार्ग का निरीक्षण कर इसकी पर्यटन संभावनाओं, सुरक्षा और आधारभूत संरचना का आकलन किया।
- उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और वन प्रमंडल पदाधिकारी ने शुक्रवार सुबह ट्रैकिंग रूट का पूरा निरीक्षण किया।
- नया ट्रैकिंग मार्ग केलाघाघ डैम से चिमटीघाट (बड़ा बरपानी पंचायत) तक चिन्हित किया गया।
- अधिकारियों ने प्राकृतिक सुंदरता, सुरक्षा व्यवस्था, मार्ग की स्थिति और इको-टूरिज्म की संभावनाओं को परखा।
- ट्रैकिंग के दौरान ग्रामीणों से मुलाकात कर समस्याओं और सुझावों को सुना गया।
- जरूरतमंद ग्रामीणों के बीच कम्बल वितरण कर ठंड से राहत पहुंचाई गई।
- रूट पर जल्द ही बुनियादी सुविधाएं विकसित कर इसे पर्यटकों के लिए सुरक्षित और सुगम बनाया जाएगा।
जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सिमडेगा प्रशासन ने केलाघाघ क्षेत्र में एक नया ट्रैकिंग रूट तलाश लिया है। शुक्रवार की सुबह जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों ने ट्रैकिंग करते हुए इस पूरे मार्ग की स्थिति, प्राकृतिक आकर्षण, सुरक्षा और संभावित पर्यटन विकास की बारीकी से समीक्षा की। यह पहल इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और स्थानीय आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
प्रशासनिक अधिकारियों ने किया पूरा रूट निरीक्षण
जिला मुख्यालय से निकली टीम में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, और वन प्रमंडल पदाधिकारी सहित सभी वरीय अधिकारी शामिल थे। टीम ने केलाघाघ डैम से शुरू करते हुए चिमटीघाट तक पैदल ट्रैकिंग की और इस दौरान मार्ग की भौगोलिक स्थिति, जंगल की घनत्व, प्राकृतिक दृश्य, मार्ग की सुरक्षा और संभावित जोखिमों की पहचान की।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह रूट पर्यटकों के लिए आकर्षक होने के साथ-साथ पर्यावरणीय संरक्षण को भी बढ़ावा देगा। उनका मानना है कि नियंत्रित और सुव्यवस्थित इको-टूरिज्म से स्थानीय समुदाय को लंबे समय तक लाभ प्राप्त होगा।
प्राकृतिक सुंदरता और इको-टूरिज्म की संभावनाओं का आकलन
इस क्षेत्र के जंगल, जलाशय और पहाड़ी भूगोल इसे पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं। रूट के निरीक्षण के दौरान टीम ने देखा कि यहां घाटियों, जलधाराओं और छोटे–छोटे प्राकृतिक झरनों का संयोजन पर्यटकों के लिए रोचक अनुभव प्रदान कर सकता है।
उपायुक्त ने कहा: “इस ट्रैकिंग रूट में प्राकृतिक सुंदरता और इको-टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। प्रशासन इसे सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में तेजी से काम करेगा।”
वन विभाग के अधिकारियों ने भी बताया कि इस रूट को विकसित करने से वन-आधारित आजीविका और संरक्षण के बीच संतुलन कायम किया जा सकता है।
ग्रामीणों से संवाद और उनकी समस्याएं
ट्रैकिंग के दौरान प्रशासनिक टीम ने मार्ग में बसे कई ग्रामीणों से मुलाकात की। ग्रामीणों ने अपनी कुछ बुनियादी समस्याएं साझा कीं और पर्यटन से संभावित लाभों को लेकर सुझाव भी दिए। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि ग्रामीणों को इस परियोजना से जोड़कर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।
इसके साथ ही जरूरतमंद ग्रामीणों के बीच कम्बल वितरण कर प्रशासन ने सामाजिक जिम्मेदारी का भी परिचय दिया।
रूट को चिह्नित कर विकसित करने की तैयारी
निरीक्षण के बाद प्रशासन ने निर्देश दिया कि पूरे रूट को औपचारिक रूप से चिह्नित किया जाए। इसके तहत संकेतक बोर्ड, सुरक्षित पैदल मार्ग, विश्राम स्थल, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं और स्थानीय गाइड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक ने कहा: “पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। रूट पर नियमित पेट्रोलिंग और संचार सुविधा को भी मजबूत किया जाएगा।”
वन विभाग ने बताया कि विकास कार्य पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए किए जाएंगे ताकि जंगल के प्राकृतिक स्वरूप को नुकसान न पहुंचे।
न्यूज़ देखो: सिमडेगा में पर्यटन का नया अध्याय
सिमडेगा प्रशासन की यह पहल दिखाती है कि जिला प्राकृतिक संपदाओं को आर्थिक अवसरों में बदलने की दिशा में गंभीर है। नए ट्रैकिंग रूट का विकास न सिर्फ इको-टूरिज्म को गति देगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा भरेगा। यह प्रयास प्रशासन, समुदाय और पर्यावरण संरक्षण—तीनों के बीच संतुलन स्थापित करने का स्पष्ट संकेत है।
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प्रकृति से जुड़ें, विकास में सहभागी बनें
सिमडेगा के इस नए ट्रैकिंग मार्ग की पहल बताती है कि जब प्रशासन और समाज साथ आते हैं, तो प्रकृति आधारित पर्यटन भी नवाचार और रोजगार का बड़ा स्रोत बन सकता है।





