नहाय खाय के साथ चैती छठ की शुरुआत, श्रद्धा और आस्था में डूबे व्रती

#रांची – लोक आस्था के महापर्व चैती छठ की धूम, नहाय-खाय से शुभारंभ:

नहाय खाय से शुरू हुआ चैती छठ महापर्व

झारखंड की राजधानी रांची समेत पूरे राज्य, उत्तर प्रदेश और बिहार में चैती छठ की धूम है। आज मंगलवार को नहाय खाय के साथ छठ व्रत की शुरुआत हुई, जिसमें श्रद्धालुओं ने पूरी शुद्धता के साथ व्रत के नियमों का पालन किया

इस दिन व्रती चावल, दाल और कद्दू की सब्जी का प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिसे विशेष शुद्धता और नियमों के साथ तैयार किया जाता है। व्रती के साथ पूरा परिवार इस प्रसाद को ग्रहण कर पुण्य अर्जित करता है

कल होगा खरना, फिर शुरू होगा निर्जला व्रत

बुधवार को खरना का आयोजन होगा, जिसमें व्रती गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत प्रारंभ होगा, जिसमें व्रती जल तक ग्रहण नहीं करते

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण

गुरुवार, 3 अप्रैल को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन मिट्टी या ईंट के चूल्हे पर छठ माता का प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें ठेकुआ और मौसमी फलों का दउरा सजाया जाता है। शाम होते ही छठ व्रती परिवार के साथ घाट पर पहुंचते हैं और पूरी विधि-विधान से अर्घ्य देते हैं

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन

शनिवार, 4 अप्रैल को सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह कठिन व्रत संपन्न होगा। इस दिन सभी छठ व्रती परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं

साल में दो बार मनाया जाता है छठ महापर्व

छठ महापर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है—एक चैत्र मास में और दूसरा कार्तिक मास में। हालांकि कार्तिक छठ की अधिक धूम रहती है, लेकिन अब चैती छठ का भी व्यापक स्तर पर आयोजन होने लगा है

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चैती छठ महापर्व श्रद्धा, तप और अनुशासन का अनुपम उदाहरण है। ऐसे ही धार्मिक और सांस्कृतिक अपडेट्स के लिए ‘न्यूज़ देखो’ के साथ बने रहें!

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