Giridih

गिरिडीह प्रधान डाकघर में निबंधित पत्रों की रसीद नहीं, उपभोक्ताओं में नाराजगी

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#गिरिडीह #डाकसेवा : शिकायत के बाद विभाग हरकत में, कार्रवाई की उम्मीद
  • प्रधान डाकघर 815301 सहित कई डाकघरों में रसीद नहीं मिल रही।
  • निबंधित पत्र भेजने वालों को हो रही परेशानी।
  • खंडेलवाल ने शिकायत पत्र अधीक्षक को भेजा।
  • शहर के हजारों लोगों पर असर, भरोसा जताया गया कि कार्रवाई होगी।

गिरिडीह शहर में डाक सेवाओं की लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है। पिछले एक सप्ताह से गिरिडीह प्रधान डाकघर (पिन 815301) और जिले के अन्य डाकघरों में निबंधित पत्र भेजने वालों को रसीद उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, जिससे आम लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यह स्थिति न केवल असुविधाजनक है बल्कि उपभोक्ताओं के अधिकारों का भी उल्लंघन है।

शिकायतकर्ता का आरोप

जानकारी के अनुसार, शहर के सामाजिक कार्यकर्ता एवं सूचना अधिकारी खंडेलवाल ने इस गंभीर समस्या को लेकर विभाग को लिखित शिकायत भेजी है। शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रसीद न मिलने के कारण लोग पत्रों की ट्रैकिंग नहीं कर पा रहे हैं।

खंडेलवाल ने कहा: “डाक विभाग की यह लापरवाही उपभोक्ताओं के लिए बड़ी समस्या बन गई है। रसीद नहीं मिलने से पारदर्शिता खत्म होती है और धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है।”

मामला पहुंचा अधीक्षक तक

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए यह पत्र राजेश पाठक, डाकघर अधीक्षक, गिरिडीह मंडल के पास भेजा गया है। उम्मीद की जा रही है कि विभाग जल्द ही इस मामले में ठोस कदम उठाएगा।
खंडेलवाल ने भरोसा जताया है कि हजारों उपभोक्ताओं की समस्या को देखते हुए जल्द ही रसीद निर्गत करने की प्रक्रिया सामान्य कर दी जाएगी।

समस्या का असर और लोगों की प्रतिक्रिया

निबंधित पत्र आमतौर पर महत्वपूर्ण दस्तावेज, सरकारी कागजात और कानूनी सूचनाओं के लिए भेजे जाते हैं। ऐसे में रसीद न मिलने से लोगों में असुरक्षा और असंतोष की भावना बढ़ रही है
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर यह स्थिति जारी रही तो लोग निजी कुरियर सेवाओं की ओर रुख करेंगे, जिससे सरकारी डाक सेवाओं पर भरोसा और घटेगा।

एक उपभोक्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा: “रसीद के बिना हम कैसे जानेंगे कि हमारा पत्र पहुंचा या नहीं? डाक विभाग को यह समस्या तुरंत सुलझानी चाहिए।”

तकनीकी दिक्कत या लापरवाही?

सूत्रों का कहना है कि रसीद निर्गत न होने के पीछे तकनीकी गड़बड़ी या स्टॉक की कमी हो सकती है। लेकिन विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि चाहे कारण जो भी हो, इस लापरवाही का खामियाजा जनता को नहीं भुगतना चाहिए।

न्यूज़ देखो: उपभोक्ताओं की आवाज़ को मिलनी चाहिए प्राथमिकता

डाक विभाग की सेवाओं पर करोड़ों लोग निर्भर हैं। गिरिडीह की यह समस्या बताती है कि सिस्टम में जवाबदेही की कमी है। शिकायत पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए ताकि उपभोक्ताओं का भरोसा बना रहे। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

जिम्मेदारी से सेवा देना ही विकास का रास्ता

अब समय है कि सरकारी विभाग पारदर्शिता और सुविधा पर ध्यान दें। आपकी राय क्या है? कमेंट कर हमें बताएं और इस खबर को दोस्तों तक शेयर करें ताकि डाक सेवाओं में सुधार की आवाज़ बुलंद हो सके।

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