
#पलामू #आत्मसमर्पण : संगठित अपराधों में संलिप्त गिरोह के सरगना ने पुलिस अधीक्षक के सामने हथियार डाले
- कुख्यात अपराधी डब्लू सिंह उर्फ गौतम सिंह ने 17 अगस्त की रात आत्मसमर्पण किया।
- पलामू, लातेहार और रांची में उस पर दर्ज हैं कुल 37 मामले।
- हत्या, रंगदारी और संगठित अपराधों में लंबे समय से था सक्रिय।
- 2018 से फरार होकर लगातार दे रहा था पुलिस को चुनौती।
- पलामू पुलिस की सघन कार्रवाई और दबाव में लिया आत्मसमर्पण का फैसला।
पलामू जिले में अपराध की दुनिया को हिला देने वाला नाम डब्लू सिंह उर्फ गौतम सिंह आखिरकार कानून के शिकंजे में आ गया। रविवार रात 10:30 बजे उसने शहर थाना परिसर में पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इस आत्मसमर्पण को झारखंड सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और पलामू पुलिस के लगातार दबाव का बड़ा परिणाम माना जा रहा है।

अपराध की लंबी पृष्ठभूमि
गौतम सिंह उर्फ डब्लू सिंह का आपराधिक सफर वर्ष 2005 से शुरू हुआ और देखते-देखते वह क्षेत्र के सबसे कुख्यात गिरोहबाज के रूप में पहचाना जाने लगा। हत्या, रंगदारी, लूट और आर्म्स एक्ट जैसे संगीन मामलों में संलिप्त इस अपराधी के खिलाफ अब तक 37 मामले दर्ज हैं। वर्ष 2014 में वह पहली बार जेल गया, लेकिन 2018 में जेल से छूटने के बाद उसने फिर से अपराध की राह पकड़ी और लगातार फरार होकर पुलिस को चुनौती देता रहा।
हत्या और रंगदारी के कई मामलों में वांछित
पलामू के शहर थाना क्षेत्र में ही डब्लू सिंह हत्या और रंगदारी के 4 गंभीर मामलों में वांछित था। इसके अलावा लातेहार और रांची जिले में भी उस पर कई गंभीर आरोप हैं। दर्ज मामलों की सूची लंबी है, जिसमें कई हत्या, सुपारी किलिंग, अवैध वसूली और आर्म्स एक्ट के केस शामिल हैं। उसके गिरोह की सक्रियता ने कभी आम लोगों के जीवन को भयभीत कर दिया था।
आत्मसमर्पण की रात
17 अगस्त की रात 10:30 बजे कुख्यात अपराधी ने अचानक आत्मसमर्पण कर सबको चौंका दिया। बताया जाता है कि पुलिस की लगातार दबिश और सरकार की सख्त नीति के कारण वह दबाव महसूस कर रहा था। यही वजह रही कि आखिरकार उसने खुद को कानून के हवाले कर दिया।
पलामू पुलिस की बड़ी सफलता
पलामू पुलिस के लिए यह आत्मसमर्पण बड़ी उपलब्धि है। पिछले कई वर्षों से जिला पुलिस संगठित गिरोहों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही थी। इस अभियान का नतीजा है कि लंबे समय से फरार चल रहा यह अपराधी अब जेल की सलाखों के पीछे होगा।
पलामू पुलिस अधीक्षक: “यह आत्मसमर्पण हमारी सतत रणनीति और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम है। जनता को भरोसा दिलाते हैं कि क्षेत्र को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे।”
अपराध के खिलाफ सख्त नीति का असर
झारखंड सरकार की अपराध के प्रति सख्त जीरो टॉलरेंस नीति लगातार नतीजे दे रही है। बड़े और कुख्यात अपराधियों का आत्मसमर्पण होना इसी नीति की सफलता है। अपराध की दुनिया में सक्रिय अन्य गिरोहों के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है कि अब कानून से बचना आसान नहीं होगा।
न्यूज़ देखो: अपराधियों पर सख्ती से बढ़ेगा जनता का भरोसा
डब्लू सिंह जैसे अपराधी के आत्मसमर्पण ने आम जनता को राहत दी है। लोग अब कानून व्यवस्था पर ज्यादा भरोसा महसूस करेंगे। पुलिस की यह बड़ी सफलता आने वाले दिनों में अपराधियों पर कड़ा संदेश बनेगी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
अपराधमुक्त समाज की ओर एक बड़ा कदम
यह आत्मसमर्पण सिर्फ पुलिस की जीत नहीं, बल्कि समाज की भी जीत है। अब समय है कि हम सब अपराध और अपराधियों के खिलाफ सजग रहें और प्रशासन का सहयोग करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि और लोग भी जागरूक हों।