
#महुआडांड़ #शिक्षा_क्रांति : नेतरहाट आवासीय विद्यालय में बेटियों के दाखिले का रास्ता खुला, नया अध्याय शुरू
- नेतरहाट विद्यालय में अब बेटियों को भी मिलेगा दाखिला।
- सीएम हेमंत सोरेन ने लिया ऐतिहासिक निर्णय।
- अगले सत्र से शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया।
- अलग छात्रावास और सुरक्षा की होगी व्यवस्था।
- लैंगिक समानता की दिशा में बड़ा कदम।
नेतरहाट आवासीय विद्यालय, जो अब तक केवल लड़कों के लिए आरक्षित था, अब बेटियों के लिए भी शिक्षा के द्वार खोल रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले शैक्षणिक सत्र से लड़कियों को भी इस प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला मिलेगा।
बेटियों को मिलेगा बेहतर शिक्षा का अवसर
नेतरहाट विद्यालय देशभर में अपनी अनुशासन और उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली के लिए जाना जाता है। अब जब बेटियों को भी यहां पढ़ने का अवसर मिलेगा, तो यह झारखंड के शैक्षणिक इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। शिक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि इस फैसले से लड़कियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगी।
तैयारियां तेज, नए सत्र से होगी शुरुआत
सरकार ने विद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिया है कि छात्राओं के लिए अलग छात्रावास, सुरक्षा व्यवस्था, मेडिकल सुविधाएं और आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए। इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित माहौल पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
दशकों पुरानी परंपरा टूटी
नेतरहाट विद्यालय की स्थापना के बाद से यहां केवल लड़कों को ही दाखिला दिया जाता रहा। इस निर्णय के साथ सरकार ने न सिर्फ दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ा है, बल्कि लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में नया संदेश भी दिया है।
न्यूज़ देखो: बेटियों के लिए खुला नेतरहाट का द्वार
यह निर्णय झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में क्रांति का संकेत है। अब राज्य की बेटियां भी देश के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में अपनी प्रतिभा निखार सकेंगी। यह कदम शिक्षा और समाज में समान अवसर की गारंटी की ओर बढ़ता कदम है।
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बेटियों की शिक्षा ही असली सशक्तिकरण
यह घोषणा साबित करती है कि जब बेटियों को शिक्षा का अवसर मिलता है तो वे समाज और राज्य दोनों का भविष्य बदल सकती हैं। अब समय है कि हम सब इस पहल का समर्थन करें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें ताकि जागरूकता फैले।