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राजस्व ज़मीन पर कब्ज़ा, खेती प्रभावित — पिपरीकला के ग्रामीणों ने उठाई कार्रवाई की मांग

#विशुनपुरा #अतिक्रमण_विवाद : नाला और गैरमजरुआ जमीन पर कब्जे से सैकड़ों एकड़ खेतों में सिंचाई प्रभावित — ग्रामीणों ने अंचल अधिकारी से अतिक्रमण हटाने की मांग की

ग्रामीणों ने सरकारी नाले पर कब्जा हटाने की उठाई मांग

विशुनपुरा प्रखंड के पिपरीकला गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने सोमवार को अंचल कार्यालय पहुंचकर 308 नया खाता, 104 पुराना खाता, 803 पुराना प्लॉट और 19 नया प्लॉट के अंतर्गत आने वाली गैरमजरूआ नाला और जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों ने जन उपयोगी नाला को भरकर अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे बारिश का पानी अब खेतों और घरों में घुसने की आशंका है।

इन लोगों पर लगाए गए अतिक्रमण के आरोप

ग्रामीणों ने जिन लोगों पर गैरमजरूआ सरकारी जमीन और नाले पर कब्जे का आरोप लगाया है, उनमें अशर्फी साव, पृथ्वी साव, शिव कुमार साव, जितेंद्र साव (पिता रतन साव), उमेश साव, सुरेश साव (पिता जगरनाथ साव), अशोक कुमार, राजेश कुमार, राकेश कुमार (पिता रामचंद्र चंद्रवंशी), राजेंद्र बैठा (पिता छठु बैठा) जैसे कुल 15 व्यक्ति शामिल हैं। इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने नाले को पाटकर घर और अन्य निर्माण कर लिए हैं।

सैकड़ों एकड़ खेती पर मंडरा रहा है खतरा

ग्रामीणों का कहना है कि खोटीलवा आहर से निकलने वाला पानी इसी नाले के रास्ते गांव के सैकड़ों एकड़ खेतों तक पहुंचता है। लेकिन नाला बंद होने से पानी का बहाव रुक गया है। इससे एक ओर खेती सूखने की कगार पर है, वहीं दूसरी ओर बरसात में दर्जनों घरों में पानी घुसने की स्थिति बन रही है। यह समस्या आने वाले दिनों में और विकराल हो सकती है।

अंचल अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

इस मामले में पूछे जाने पर विशुनपुरा अंचलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि उन्हें ग्रामीणों से अतिक्रमण संबंधी आवेदन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा:

अंचलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा: “मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी और यदि सरकारी नाले या जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया, तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाया जाएगा।”

उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि प्राकृतिक संसाधनों और सरकारी भूमि की सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर है और कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

न्यूज़ देखो: ग्रामीण आवाज़ ने दिखाई असर की ताकत

न्यूज़ देखो के लिए यह घटना एक मिसाल है कि कैसे स्थानीय नागरिक अपनी संविधानिक अधिकारों और संसाधनों की रक्षा के लिए आवाज़ उठा सकते हैं। जब जनता संगठित होकर प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाती है, तो प्रशासनिक जवाबदेही और कार्रवाई की संभावना बढ़ती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

अब आपकी बारी है

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