Palamau

वरिष्ठ अफसर की कॉल पर पूछा ‘कौन हो?’ — तो अब पलामू पुलिसकर्मियों पर गिरेगी गाज

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#पलामू #पुलिस_लापरवाही : वरिष्ठ अधिकारियों की कॉल पर ‘कौन बोल रहा है?’ पूछने वाले पुलिस पदाधिकारी अब कार्रवाई के दायरे में — DIG की जांच में उजागर हुई गंभीर लापरवाही
  • पुलिसकर्मी वरीय अधिकारियों का मोबाइल नंबर नहीं रखते सेव
  • कॉल आने पर परिचय पूछने की आदत पर DIG ने जताई नाराजगी
  • DIG नौशाद आलम ने तीनों जिलों के SP को दिए निर्देश
  • DSP से लेकर IG तक के नंबर सेव करना अब अनिवार्य
  • पहचान से इंकार करने वालों पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

कॉल पर पहचान नहीं पाए, अब भुगतना पड़ेगा अंजाम

पलामू रेंज के DIG नौशाद आलम की एक समीक्षा में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिले के इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और एएसआई स्तर के पुलिस अधिकारी वरीय अधिकारियों के मोबाइल नंबर अपने फ़ोन में सेव नहीं रखते हैं। परिणामस्वरूप जब IG, DIG या SP स्तर के अधिकारी कॉल करते हैं, तो जवाब मिलता है – ‘कौन बोल रहे हैं?’ यह रवैया अब सहन नहीं किया जाएगा

DIG ने जताई सख्त नाराजगी, तीन जिलों के SP को दिए निर्देश

DIG नौशाद आलम ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वह IG, DIG, SP और DSP तक के फोन नंबर अपने मोबाइल में सेव रखें। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी

DIG नौशाद आलम ने पुष्टि करते हुए कहा: “वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी सभी पुलिस पदाधिकारियों के पास हैं। फिर भी कॉल पर पहचान न पाना गंभीर लापरवाही है।”

आदेश की पुष्टि, पुलिसिंग की निगरानी पर उठे सवाल

गौरतलब है कि झारखंड पुलिस प्रशासन में वरीय अधिकारियों की निगरानी व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए पलामू रेंज में डीआईजी और जोनल स्तर पर आईजी की नियुक्ति की गई है। वर्तमान में पलामू जोन के IG सुनील भास्कर और DIG नौशाद आलम के पास यह जिम्मेदारी है। इसके बावजूद जब वरिष्ठ अधिकारियों की पहचान फोन पर नहीं हो पा रही, तो इससे पुलिसिंग की गंभीर खामियों का संकेत मिलता है।

कार्रवाई होगी तय, लापरवाह अफसरों की अब खैर नहीं

DIG के निर्देश के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि यदि कोई पुलिस पदाधिकारी कॉल पर पहचान से इंकार करता है या अनभिज्ञता दिखाता है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यह आदेश सभी संबंधित थाना और इकाइयों में भेजा जा रहा है और अनुपालन पर सीधे मॉनिटरिंग की जाएगी

न्यूज़ देखो: पुलिसिंग में अनुशासनहीनता की नई परत खुली

वरिष्ठ अधिकारियों के नंबर तक न पहचानने वाली पुलिस प्रशासन की लापरवाही न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह सिस्टम की गंभीर कमजोरी भी उजागर करती है। न्यूज़ देखो मानता है कि कठोर अनुशासन और तकनीकी सजगता के बिना सुशासन संभव नहीं। इस मामले में कार्रवाई एक मिसाल बनेगी या औपचारिकता में रह जाएगी — यह देखना जरूरी होगा।
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Radhika Netralay Garhwa
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