
#Ranchi #ShilpiNehaTirkey : नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस समारोह में कृषि मंत्री ने कहा — “सरकार-संस्था-बैंक एक टीम की तरह करें काम, तभी दिखेगा बदलाव”
- नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रहीं कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की।
- ई-केसीसी (E-KCC) के जल्द लॉन्च होने की जानकारी — अब 3 से 4 दिन में ऋण आवेदन की स्थिति होगी स्पष्ट।
- नाबार्ड की भूमिका महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन में सराहनीय बताई।
- सरकारी योजनाओं की जानकारी का अभाव किसानों को बना रहा है वंचित — समूह आधारित काम का किया समर्थन।
- पैक्स-लैंप्स और किसानों को सम्मानित कर बढ़ाया उत्साह — बोले, “सम्मान से मिलेगा नई ऊर्जा”।
नाबार्ड के कार्यों को बताया किसानों के लिए संजीवनी
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने राजधानी रांची में आयोजित नाबार्ड के 44वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नाबार्ड किसानों के आर्थिक स्वावलंबन में एक मजबूत कड़ी बनकर उभरा है।
शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा:
“नाबार्ड ने वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य किया है। अगर सरकार, संस्थान, बैंक और अधिकारी एक टीम भावना से काम करें तो कुछ भी असंभव नहीं।”
जागरूकता की कमी से वंचित हो रहे किसान
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से असली लाभार्थी तक योजना नहीं पहुंच पाती। उन्होंने एफपीओ (FPO) मॉडल को किसानों के लिए सफल प्रयोग बताया और कहा कि इसका विस्तार आवश्यक है।
जल्द आएगा E-KCC, खत्म होंगे बैंक के चक्कर
उन्होंने नाबार्ड के आगामी योजना की भी जानकारी दी। बहुत जल्द ई-केसीसी (E-KCC) को लॉन्च किया जाएगा जिससे अब किसानों को महीनों बैंक के चक्कर नहीं लगाने होंगे। ऑनलाइन आवेदन के जरिए अब 3 से 4 दिनों के अंदर ही ऋण आवेदन की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
“किसानों को केसीसी ऋण देने में बैंकों द्वारा राशि में कटौती करना एक अपराध है। यह बंद होना चाहिए।” — शिल्पी नेहा तिर्की
बैंकों को सख्त निर्देश — किसानों के हितों से न करें समझौता
मंत्री ने कहा कि एसएलबीसी (SLBC) को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को अनुदानित योजनाओं में चेक से अंशदान लेने की बाध्यता को शिथिल किया जाए। इसकी जगह पर विड्रॉल फॉर्म के माध्यम से भी किसान योजना का लाभ उठा सकते हैं, ताकि योजना की समयसीमा के भीतर कार्यान्वयन संभव हो सके।
सम्मान से मिली नई ऊर्जा
इस कार्यक्रम में राज्य भर के उत्कृष्ट कार्य करने वाले पैक्स, लैंप्स और किसानों को सम्मानित किया गया।
मंत्री ने कहा कि सम्मान प्रेरणा देता है, और यह सम्मान कार्यक्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का माध्यम बनेगा।



न्यूज़ देखो: बदलाव के लिए जरूरी है सिस्टम की एकजुटता
न्यूज़ देखो मानता है कि किसानों की आत्मनिर्भरता तभी संभव है जब योजनाओं का सही और समय पर क्रियान्वयन हो।
ई-केसीसी जैसे डिजिटल पहल किसानों को न सिर्फ राहत देंगे, बल्कि बिचौलियों से मुक्ति और वित्तीय पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेंगे।
सरकार, बैंक और संस्थान अगर मिलकर काम करें तो झारखंड का किसान आत्मनिर्भर बन सकता है। इस सकारात्मक बदलाव के लिए हमें सूचना साझा करनी होगी और व्यवस्था को ज़िम्मेदार बनाना होगा।
आइए मिलकर करें बदलाव की शुरुआत
अगर आप भी किसान हैं या किसी किसान को जानते हैं तो उन्हें इस खबर के बारे में जरूर बताएं।
आपका एक शेयर, किसी किसान को बैंक की भीड़ और भ्रम से बचा सकता है।
अपनी राय जरूर दें — क्या ई-केसीसी जैसी योजनाओं से किसान को वास्तविक राहत मिल सकती है?