
#पांडू #राष्ट्रीयखेलदिवस : मेजर ध्यानचंद की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित कर बच्चों और शिक्षकों ने खेलकूद में बढ़-चढ़कर भाग लिया
- 29 अगस्त 2025 को विद्यालय में राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन हुआ।
- मेजर ध्यानचंद की जीवनी से छात्रों को परिचित कराया गया और पुष्पांजलि अर्पित की गई।
- खेल शपथ दिलाई गई और विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं।
- बच्चे और शिक्षक दोनों ने योग, दौड़, कबड्डी, रस्साकशी जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया।
- प्रधानाचार्य दिलीप कुमार और शिक्षकों ने बच्चों को खेल भावना से प्रेरित किया।
- प्रबंधन समिति अध्यक्ष ब्रिकेश चौधरी सहित सभी अतिथियों ने श्रद्धांजलि दी।
आज पांडू प्रखंड के पीएम श्री +2 उच्च विद्यालय रत्नाग में राष्ट्रीय खेल दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। मेजर ध्यानचंद की जयंती पर आयोजित इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने उन्हें याद करते हुए खेलों के महत्व को रेखांकित किया। बच्चों से लेकर शिक्षकों तक सभी ने दिनभर खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों में भाग लिया, जिससे विद्यालय का माहौल उल्लासपूर्ण और प्रेरणादायी बन गया।
मेजर ध्यानचंद को दी गई पुष्पांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानाचार्य दिलीप कुमार के नेतृत्व में मेजर ध्यानचंद जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए गए। साथ ही, सभी शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर उनकी महान उपलब्धियों को याद किया। बच्चों को उनकी जीवनी से अवगत कराया गया और समझाया गया कि कैसे साधारण परिस्थितियों से निकलकर ध्यानचंद ने पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया।
खेल शपथ और प्रतियोगिताएं
विद्यालय परिसर में छात्रों को खेल शपथ दिलाई गई, जिसमें खेल को खेल भावना से खेलने और अनुशासन बनाए रखने का संकल्प शामिल था। इसके बाद योग और पीटी अभ्यास कराया गया। बच्चों ने पूरे मनोयोग से 50 मीटर दौड़, बोड़ा दौड़, तीन टांग दौड़, चेयर रेस, 100 मीटर और 200 मीटर दौड़, कबड्डी जैसे खेलों में भाग लिया।
शिक्षकों की सहभागिता
केवल छात्र ही नहीं बल्कि शिक्षकों ने भी खेलों में हिस्सा लिया। विशेषकर रस्साकशी प्रतियोगिता में शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी ने बच्चों का उत्साह और भी बढ़ा दिया। इस दौरान अनुपम तिवारी (शारीरिक शिक्षक), आरिफ अंसारी, उपेंद्र कुमार, महताब आलम, सुमन कुमारी, मनीष सिंह, बलराम मेहता, बीरबल राम, नरेश शर्मा, शिवनाथ प्रसाद गुप्ता, शैलेंद्र पाठक, श्रीनिवास सिंह, इरफान अंसारी सहित सभी शिक्षक उपस्थित रहे।
संबोधन और प्रेरणा
प्रधानाचार्य दिलीप कुमार ने कहा: “मेजर ध्यानचंद से हमें सीख लेनी चाहिए कि खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा है। बच्चों को हमेशा खेल के प्रति जागरूक रहना चाहिए और खेल भावना के साथ खेलना चाहिए।”
शारीरिक शिक्षक अनुपम तिवारी ने कहा: “खेल से आत्मबल, अनुशासन, धैर्य और संयम विकसित होता है। बच्चों को मेजर ध्यानचंद की तरह खेल के क्षेत्र में विद्यालय, राज्य और देश का नाम रोशन करना चाहिए।”
अतिथियों का सम्मान और बच्चों का उत्साह
इस अवसर पर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ब्रिकेश चौधरी भी उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यालय परिवार के साथ मिलकर मेजर ध्यानचंद जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि दी और बच्चों को खेलकूद के महत्व पर प्रेरित किया। कार्यक्रम में विद्यालय की छात्राओं और छात्रों ने पूरे उत्साह से भाग लेकर इसे यादगार बना दिया।
न्यूज़ देखो: खेल भावना से जुड़ी प्रेरणा
यह आयोजन केवल खेल प्रतियोगिता नहीं बल्कि बच्चों में अनुशासन, टीम भावना और आत्मविश्वास जगाने का माध्यम साबित हुआ। विद्यालय परिवार ने मेजर ध्यानचंद को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए खेलों को शिक्षा के समान ही महत्वपूर्ण बताया।
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खेल से ही है जीवन में ऊर्जा
राष्ट्रीय खेल दिवस पर रत्नाग पांडू के इस आयोजन ने दिखाया कि खेल केवल मनोरंजन नहीं बल्कि जीवनशैली है। अब समय है कि हम सब अपने बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ साझा करें ताकि खेल भावना को और मजबूती मिले।