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रक्षाबंधन पर गल्ला पट्टी निवासी दीपक केसरी ने बचाई नवजात की जान, मानवता की अनूठी मिसाल

#गढ़वा #रक्तदान : 900 एमएल AB+ रक्त देकर नवजात को दी नई जिंदगी

रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जब चारों ओर खुशी और भाई-बहन के प्रेम का उत्सव मनाया जा रहा था, उसी समय गढ़वा के गल्ला पट्टी निवासी दीपक केसरी ने मानवता की मिसाल पेश की। अचानक खबर मिली कि रवि कुमार के 9 माह के बच्चे को 900 एमएल AB+ रक्त की तत्काल आवश्यकता है। यह खबर मिलते ही दीपक केसरी ने बिना किसी देरी के ब्लड बैंक पहुंचकर नवजात के लिए आवश्यक रक्तदान किया। इस संवेदनशील क्षण में उनके साथ शुभम केसरी और बच्चे के माता-पिता मौजूद थे।

रक्षाबंधन पर सेवा की मिसाल

रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर, जब अधिकांश लोग परिवार और रिश्तेदारों संग व्यस्त थे, तब भी केसरवानी समूह के सदस्य अपनी समाजसेवा की प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटे। समूह की सक्रियता और तत्परता के कारण नवजात को समय पर जीवनदायी रक्त मिल सका।

हर परिस्थिति में मदद को तैयार

दीपक केसरी का यह कदम केवल एक रक्तदान नहीं, बल्कि जीवन बचाने का अद्भुत उदाहरण है। रक्षाबंधन की व्यस्तता के कारण कुछ सदस्य मौके पर नहीं पहुंच सके, लेकिन समूह की आपसी समन्वय और सेवा भावना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वे 24 घंटे समाजसेवा के लिए तत्पर रहते हैं।

समाज की प्रतिक्रिया

दीपक केसरी के साहसिक और नि:स्वार्थ कार्य पर पूरे समाज ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। लोगों का कहना है कि ऐसे युवा ही समाज में प्रेरणा का स्रोत होते हैं और जरूरतमंदों के लिए आशा की किरण बनते हैं।

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दीपक केसरी का यह कदम हमें यह याद दिलाता है कि त्योहार केवल अपने लिए खुशियां मनाने का अवसर नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने का भी समय होता है। उनकी यह पहल आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक संदेश है कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मानवता से भरा त्योहार

रक्षाबंधन पर दीपक केसरी का यह रक्तदान समाज में भाईचारे, संवेदनशीलता और सेवा की भावना का प्रतीक है। हमें भी ऐसे अवसरों पर जरूरतमंदों के लिए आगे आना चाहिए। अपनी राय कॉमेंट में दें और इस खबर को दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करें, ताकि सेवा की यह भावना दूर-दूर तक फैले।

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