#गढ़वा #शिक्षकदिवस : स्किल इंडिया सेंटर में छात्र-छात्राओं से अश्लील नृत्य, वायरल वीडियो से मचा हंगामा
- कांडी प्रखंड के स्किल इंडिया सेंटर में शिक्षक दिवस पर अश्लील डांस का आयोजन।
- वीडियो में छात्र-छात्राएँ फूहड़ गीतों पर नृत्य करते नज़र आए।
- आयोजन केंद्र संचालक विकाश चंद्रा उर्फ रिंकू के नेतृत्व में हुआ।
- अभाविप ने जताया आक्रोश, प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग।
- अभिभावकों और ग्रामीणों ने इसे शिक्षा और संस्कृति के साथ खिलवाड़ बताया।
गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड में शिक्षक दिवस जैसे पवित्र अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम ने पूरे इलाके को शर्मसार कर दिया। कांडी मुख्य बाज़ार स्थित मस्जिद के समीप संचालित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केंद्र (स्किल इंडिया सेंटर) में शिक्षक दिवस के नाम पर अश्लील नृत्य का आयोजन किया गया। वायरल वीडियो में छात्र-छात्राएँ भद्दे और दोअर्थी गीतों पर मंच पर ठुमके लगाते दिख रहे हैं। इस घटना ने समाज के हर वर्ग को गुस्से और शर्मिंदगी से भर दिया है।
पावन दिवस पर फूहड़ नृत्य का आयोजन
शिक्षक दिवस के अवसर पर जिस मंच पर गुरु-शिष्य संबंध की महिमा का गुणगान होना चाहिए था, उसी मंच पर छात्र-छात्राएँ ‘नैन तोहार कजरारी… दिलवा पे करे बमबारी’, ‘लचकेला कमरिया…’ और ‘तोहरा राजा जी के दिलवा टूट जाई’ जैसे गीतों पर थिरकते नज़र आए। वीडियो में कई शिक्षक भी उपस्थित बताए जा रहे हैं।
समाज में आक्रोश और निंदा
यह आयोजन न सिर्फ शिक्षक दिवस की गरिमा को धूमिल करता है बल्कि शिक्षा जगत की विश्वसनीयता पर भी गहरा सवाल खड़ा करता है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही इलाके में आक्रोश फैल गया। अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे बच्चों के भविष्य और समाज की संस्कृति के साथ खिलवाड़ बताया। उनका कहना है कि स्किल इंडिया जैसे केंद्रों का उद्देश्य रोजगारोन्मुख शिक्षा देना है, लेकिन यहाँ अश्लीलता परोसी जा रही है, जो योजना की आत्मा के साथ विश्वासघात है।
अभाविप का कड़ा विरोध
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रिंस कुमार सिंह ने मामले पर गहरी आपत्ति जताई।
प्रिंस कुमार सिंह: “शिक्षक दिवस जैसे पावन दिन पर अश्लील गानों पर नृत्य कराना बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। यह न सिर्फ शिक्षा जगत का अपमान है बल्कि समाज को गलत दिशा में धकेलने वाला कृत्य है। प्रशासन और शिक्षा विभाग तत्काल जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करें।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो अभाविप सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा।
प्रशासन और शिक्षा विभाग पर उठे सवाल
ग्रामीणों और अभिभावकों ने सवाल उठाया कि आखिर ऐसे प्रशिक्षण केंद्रों की नियमित जांच क्यों नहीं होती। यदि शिक्षा विभाग इन संस्थानों की गतिविधियों पर निगरानी रखता तो ऐसी शर्मनाक घटना टाली जा सकती थी। लोगों ने जिला प्रशासन से दोषी संचालक और सहयोगियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की मांग
स्थानीय संगठनों और बुद्धिजीवियों ने एकजुट होकर प्रशासन से उच्चस्तरीय जांच की अपील की है। साथ ही यह भी कहा कि ऐसे संस्थानों में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ ताकि भविष्य में शिक्षा की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली घटनाएँ दोबारा न हों।
न्यूज़ देखो: शिक्षा की आड़ में संस्कृति पर चोट
यह घटना केवल एक संस्थान की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की निगरानी व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न है। शिक्षक दिवस जैसे पावन अवसर पर हुई यह हरकत बताती है कि अगर अब भी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर गहरा खतरा मंडराएगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा की गरिमा बचाना समाज की जिम्मेदारी
अब समय आ गया है कि हम सब शिक्षा के पवित्र वातावरण को बचाने के लिए सजग नागरिक की भूमिका निभाएँ। शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि संस्कार और संस्कृति का आधार है।
अपनी राय साझा करें और इस खबर को आगे बढ़ाएँ ताकि समाज में जागरूकता फैले और शिक्षा की गरिमा को बचाया जा सके।