
#महुआडांड #शस्त्रपूजन : संघ के खण्ड कार्यवाह ने जताया आभार, सनातन समाज में दिखा उत्साह
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी वर्ष को लेकर महुआडांड प्रखंड में पहली बार व्यापक स्तर पर शस्त्र पूजन।
- महुआडांड, चम्पा, रामपुर, चटकपुर, हामी, सरनाडीह, बरदौनी और नेतरहाट में हुआ आयोजन।
- संघ के स्वयंसेवकों ने ध्वजारोहण और शस्त्र पूजन कर परंपरा निभाई।
- आयोजन में संघ, भाजपा, बजरंग दल, एबीवीपी और वनवासी कल्याण केंद्र के पदाधिकारियों की सक्रिय भूमिका।
- खण्ड कार्यवाह देवानन्द प्रसाद ने सभी को सहयोग के लिए जताया आभार।
महुआडांड प्रखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी वर्ष को लेकर इस वर्ष का शस्त्र पूजन विशेष रहा। पहली बार प्रखंड के पांचों मंडल के आठ स्थानों पर एक साथ शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में उत्साह और आस्था का वातावरण दिखा।
महुआडांड दुर्गा बाड़ी से शुरू हुआ आयोजन
गुरुवार को महुआडांड मंडल के दुर्गा बाड़ी परिसर में स्वयंसेवकों ने ध्वजारोहण कर शस्त्र पूजन किया। इससे पूर्व प्रखंड के चम्पा, रामपुर, चटकपुर, हामी, सरनाडीह, बरदौनी और नेतरहाट ग्रामों में भी इसी प्रकार का कार्यक्रम हुआ। हर जगह संघ के स्वयंसेवक परंपरागत विधि-विधान से जुड़े और लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सराहनीय योगदान और जनभागीदारी
इस अवसर पर संघ के खण्ड कार्यवाह देवानन्द प्रसाद, बजरंग दल के विभाग संयोजक सुरज साहू, सह खण्ड कार्यवाह रामप्रवेश प्रसाद, भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय जायसवाल, संघ के सेवा प्रमुख प्रभात जायसवाल, वनवासी कल्याण केन्द्र जिलाध्यक्ष अजय उरांव, संच प्रमुख संजय सिंह, धर्म जागरण प्रमुख लाल पुरुषोत्तम कुमार देव, एबीवीपी से उज्ज्वल धनुष, विभिन्न मंडलों के प्रमुखों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही।
इन सभी ने न केवल कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया बल्कि समाज को एकता और आस्था का संदेश भी दिया।
खण्ड कार्यवाह ने जताया आभार
शस्त्र पूजन कार्यक्रम की सफलता पर संघ के खण्ड कार्यवाह देवानन्द प्रसाद ने सहयोग देने वाले सभी स्वयंसेवकों और समाज के लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष पर यह आयोजन सनातन परंपरा और संघ की सेवा भावना का प्रतीक है।
खण्ड कार्यवाह देवानन्द प्रसाद: “महुआडांड में पहली बार आठ स्थानों पर एक साथ शस्त्र पूजन हुआ। यह हमारे समाज की एकता और विश्वास की मिसाल है। हम चाहते हैं कि भविष्य में भी ऐसा ही सहयोग मिलता रहे।”
सनातन समाज में उत्साह
शस्त्र पूजन कार्यक्रम को लेकर सनातन समाज में भी विशेष उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में श्रद्धालु और ग्रामीण उपस्थित हुए और संघ की गतिविधियों की सराहना की। लोगों ने कहा कि ऐसे आयोजन से न केवल परंपरा जीवित रहती है बल्कि नई पीढ़ी में भी धर्म, संस्कृति और अनुशासन की भावना जागृत होती है।

न्यूज़ देखो: परंपरा और अनुशासन का प्रतीक शस्त्र पूजन
महुआडांड में हुआ यह शस्त्र पूजन कार्यक्रम केवल धार्मिक परंपरा का निर्वाह नहीं बल्कि सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक पहचान का मजबूत संदेश है। संघ का यह प्रयास आने वाले वर्षों में शताब्दी वर्ष को ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।
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सनातन परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का समय
महुआडांड में शस्त्र पूजन की यह ऐतिहासिक शुरुआत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। अब समय है कि हम सब मिलकर अपनी संस्कृति और परंपराओं को मजबूत बनाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें ताकि समाज में जागरूकता और एकता का संदेश पहुंचे।