#बासुकीनाथ #श्रावणी_मेला2025 : तेज बारिश और बोल बम के नारों के बीच उमड़ा आस्था का जनसैलाब
- श्रावणी मेले के पांचवें दिन 96,789 श्रद्धालुओं ने किया बाबा बासुकिनाथ का जलाभिषेक
- 85,529 श्रद्धालुओं ने सामान्य कतार, 2,500 ने शीघ्रदर्शनम से किया दर्शन
- मंदिर न्यास समिति को कुल 10.87 लाख रुपये और 430 ग्राम चांदी की प्राप्ति
- कई श्रद्धालुओं ने बारिश में भीगते हुए बाबा के दरबार में की पूजा-अर्चना
- प्रशासन की व्यवस्थाओं से श्रद्धालु संतुष्ट, जताया आभार
बोल बम के जयघोष से गूंज उठा बासुकीनाथ धाम
बासुकीनाथ (दुमका): राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2025 के पांचवें दिन मंगलवार को 96,789 श्रद्धालुओं ने बाबा बासुकिनाथ पर जलार्पण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। तेज बारिश और रिमझिम फुहारों के बीच भी श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर रहा और मंदिर परिसर “बोल बम” के गगनभेदी नारों से गूंजता रहा।
इनमें 85,529 श्रद्धालुओं ने सामान्य कतार में लगकर, जबकि 2,500 श्रद्धालुओं ने ‘शीघ्रदर्शनम’ कूपन लेकर जलार्पण किया। इसके अतिरिक्त 8,760 श्रद्धालुओं ने जलार्पण काउंटर के माध्यम से बाबा का जलाभिषेक किया।
मंदिर समिति को मिला लाखों का दान
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच मंदिर न्यास समिति को भी उल्लेखनीय आमदनी हुई। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार:
- शीघ्रदर्शनम कूपन बिक्री से – ₹7,50,000
- दान पेटी से – ₹2,96,160
- गोलक गिनती से – ₹37,740
- अन्य स्रोतों से – ₹3,399
- कुल नकद प्राप्ति – ₹10,87,299
- चांदी की प्राप्ति – 430 ग्राम
बारिश भी नहीं रोक सकी श्रद्धालुओं की आस्था
तेज बारिश हो या हल्की फुहारें, श्रद्धालुओं की श्रद्धा अडिग रही। दूर-दराज से आए भक्तों ने फौजदारी दरबार में सिर नवाकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए बाबा से प्रार्थना की। श्रद्धा और भक्ति से भीगा यह दृश्य बासुकीनाथ धाम को और भी पवित्र और भावनात्मक बना गया।
प्रशासन की तैयारी पर मिली सराहना
जिला प्रशासन ने मेले में सुरक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य और दर्शन व्यवस्था को लेकर ठोस इंतज़ाम किए थे। श्रद्धालुओं ने प्रशासन की सक्रियता और सहृदयता की प्रशंसा करते हुए कहा कि भीड़ के बावजूद उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई।
“बाबा का दरबार अद्भुत है, और यहां की व्यवस्थाएं काबिले तारीफ,” — एक श्रद्धालु ने कहा।


न्यूज़ देखो : आस्था और व्यवस्था का अद्भुत समन्वय
न्यूज़ देखो का मानना है कि बासुकीनाथ में आस्था और सरकारी प्रबंधन का यह संतुलन झारखंड की सांस्कृतिक और प्रशासनिक शक्ति का प्रतीक है। जहाँ बोल बम की गूंज भक्तों की आस्था को व्यक्त करती है, वहीं प्रशासनिक कार्यवाही उस आस्था को सहूलियत में बदलती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
हर भक्त की श्रद्धा, हर व्यवस्था की जिम्मेदारी
श्रावण का यह पावन महीना सिर्फ बाबा पर जल चढ़ाने का अवसर नहीं, बल्कि धैर्य, भक्ति और अनुशासन का प्रतीक है। न्यूज़ देखो सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करता है कि दर्शन करते समय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपने आसपास सफाई और शांति बनाए रखें।
जय बाबा बासुकिनाथ!