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शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन कमता में निकली भव्य कलश यात्रा, वातावरण गूंजा जयकारों से

#गढ़वा #नवरात्रि : कमता स्थित अष्टभुजी कामेश्वरी माता मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई और श्रद्धालुओं ने जयकारों से माहौल गुंजायमान किया

शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर कमता अष्टभुजी कामेश्वरी माता मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर परिसर में जुटने लगे और मातृ शक्ति की आराधना में भाग लिया। महिला श्रद्धालु सिर पर कलश धारण कर यात्रा में शामिल हुईं और पुरुष श्रद्धालुओं ने हाथों में ध्वज और अन्य धार्मिक प्रतीक लिए भक्तिभाव से आगे बढ़ते रहे।

कलश यात्रा और धार्मिक आयोजन

कलश यात्रा माता मंदिर से प्रारंभ होकर पिपरी खुर्द, भुइया टोली होते हुए पवित्र पपरवा धाम छोटी जलाशय तक पहुँची। यहाँ आचार्यों के मार्गदर्शन में जल से कलश भरकर पुनः मंदिर लाया गया। मंदिर लौटने पर आचार्य श्री राजु पांडेय ने विधिविधान से कलश स्थापना कर नवदुर्गा की प्रथम स्वरूप माँ शैलपुत्री की आराधना प्रारंभ की। श्रद्धालुओं ने धूप, दीप और पुष्प अर्पित कर परिवार और समाज की सुख-समृद्धि की कामना की।

नवरात्रि के नौ दिन और पूजा क्रम

नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी। प्रथम दिन शैलपुत्री, द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी, तृतीय दिन चंद्रघंटा, चतुर्थ दिन कूष्माण्डा, पंचम दिन स्कंदमाता, षष्ठी को कात्यायनी, सप्तमी को कालरात्रि, अष्टमी को महागौरी, और नवमी को सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा।

आयोजन समिति और स्थानीय भागीदारी

जय भवानी संघ कमता प्रतिवर्ष नवरात्र को उत्सव रूप में आयोजित करता है। मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों और पुष्पों से सजाया गया है। इस अवसर पर समिति के उपाध्यक्ष पंकज सिंह, कोषाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, सचिव मनीष कुमार सिंह सहित कई पदाधिकारी और सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। आगामी अष्टमी पर कन्या पूजन और नवमी को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

न्यूज़ देखो: कमता में नवरात्रि के प्रथम दिन भव्य कलश यात्रा ने दर्शाया धार्मिक उत्साह

भक्तिमय कलश यात्रा ने समाज में एकता, आस्था और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश फैलाया। स्थानीय प्रशासन और आयोजकों की व्यवस्था के कारण यात्रा सुचारू रूप से सम्पन्न हुई।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था और सुरक्षा का संकल्प

नवरात्रि पर्व के दौरान श्रद्धालु सुरक्षित और शांति से भाग लें। मंदिरों और पंडालों में व्यवस्था बनाए रखें, अपनी जिम्मेदारी निभाएँ और इस धार्मिक उत्सव को सभी के लिए आनंददायक बनाएं। अपने अनुभव साझा करें और खबर को समुदाय में फैलाएं।

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