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श्रावण मास के पहले दिन बासुकीनाथ में उमड़ा आस्था का सैलाब, 39 हजार श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक

#बासुकीनाथ #श्रावणी_मेला_2025 : राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव का शुभारंभ भक्तों के जयकारों के बीच — बोल बम के नारों से गूंज उठी फौजदारी बाबा की नगरी

39 हजार श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, व्यवस्था रही चाक-चौबंद

झारखंड के प्रसिद्ध बासुकीनाथ धाम में शुक्रवार को श्रावण मास की शुरुआत भक्तिभाव के साथ हुई। राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2025 के पहले दिन करीब 39,000 कांवरियों और श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारी नाथ का जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित किया। भक्त गंगाजल लेकर बासुकीनाथ पहुंचे और पूरी श्रद्धा के साथ स्पर्श पूजा में सम्मिलित हुए।

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के कपाट खोलते ही शिवगंगा तट से लेकर मंदिर परिसर तक भक्तों की लंबी कतारें लग गईंक्यू कॉम्प्लेक्स और संस्कार मंडप के रास्ते भक्तों को नियंत्रित कतारों में मंदिर तक पहुंचाया गया, जिससे व्यवस्था बनी रही।

बोल बम के नारों से गुंजायमान रहा बासुकीनाथ धाम

श्रद्धालु “बोल बम”, “हर हर महादेव”, “जय शिव शंकर” के नारों के साथ लगातार आगे बढ़ते रहे। बासुकीनाथ की नगरी में भक्ति का ज्वार देखते ही बन रहा था। खासकर जब शिवगंगा से पंक्तिबद्ध कांवरिए जल लेकर मंदिर की ओर बढ़ते, तो पूरा क्षेत्र श्रावणी माह की पवित्रता और आस्था में सराबोर हो जाता था।

एक श्रद्धालु रामबिलास यादव ने कहा: “हर साल श्रावण में बाबा बासुकीनाथ का जलाभिषेक करने आता हूं। इस बार की व्यवस्था काफी अच्छी है, दर्शन भी शांतिपूर्ण हुआ।”

शीघ्रदर्शनम कूपन और जलार्पण काउंटरों ने बढ़ाई सहूलियत

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने 300 रुपये प्रति व्यक्ति के शीघ्रदर्शनम कूपन की व्यवस्था की, जिससे आर्थिक रूप से सक्षम श्रद्धालु विशेष द्वार से सीधे गर्भगृह तक पहुंच पाए और शीघ्र पूजा कर सके। वहीं, निशक्त, वृद्ध और बीमार श्रद्धालुओं के लिए जलार्पण काउंटर की विशेष व्यवस्था की गई थी।

इन काउंटरों से जल अर्पण कर श्रद्धालु लाइव टीवी स्क्रीन के माध्यम से बाबा का दर्शन कर पा रहे थे। कई भक्तों ने बताया कि सीधे गर्भगृह में जल नहीं चढ़ा पाने के बावजूद, इस व्यवस्था से उन्हें संतोष मिला क्योंकि जल सीधे मंदिर के गर्भगृह में बाबा पर चढ़ाया जा रहा था।

एक बुजुर्ग श्रद्धालु सुशीला देवी ने कहा: “बुढ़ापे में कतार में खड़ा नहीं हो सकती, पर काउंटर से जल चढ़ा कर और टीवी से दर्शन कर काफी संतोष मिला।”

मंदिर प्रबंधन की तैयारी से भीड़ रही नियंत्रित

मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रूप से लागू की गईं। भीड़ को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासनिक जवानों की तैनाती, मेडिकल सहायता केंद्र, जलपान और रेस्टिंग शेड्स भी लगाए गए थे। कहीं कोई अफरा-तफरी की सूचना नहीं मिली।

भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पीने के पानी, प्राथमिक चिकित्सा, और सूचना काउंटरों की स्थापना भी की गई। प्रबंधन ने यह स्पष्ट किया कि श्रावण मास के सभी दिन इसी प्रकार से व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी

न्यूज़ देखो: श्रद्धा और व्यवस्था का अनुपम संगम

श्रावण मास में श्रद्धालुओं की आस्था का यह रूप न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकजुटता का भी प्रतीक है। न्यूज़ देखो हर साल की तरह इस बार भी श्रावणी मेले की व्यवस्थाओं, जन-भागीदारी और प्रशासन की सक्रियता पर नजर बनाए हुए है। यह उदाहरण दर्शाता है कि आस्था और प्रबंधन का तालमेल हो, तो श्रद्धालुओं को सहज दर्शन और संतोष का अनुभव होता है।

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सकारात्मक सोच से मिलती है भक्ति को दिशा

श्रावण मास के इस शुभ अवसर पर हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम अपने आसपास के भक्तों की सहायता करें, व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दें और भक्ति के साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निभाएं। इस खबर को शेयर करें, अपने विचार टिप्पणी में लिखें, और आस्था के इस पावन अवसर को सबके साथ साझा करें।

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