
#गारु #श्रद्धाऔरसंस्कार : अनाथ बच्चों ने उपवास, भजन और शिव आराधना से रचा आध्यात्मिक माहौल
- बारेसाढ़ स्थित सरनाधाम में सोमवारी व्रत रख बच्चों ने की भगवान शिव की पूजा
- पूरे दिन उपवास कर बच्चों ने बेलपत्र, भस्म व जल से किया भोलेनाथ का जलाभिषेक
- संस्थान अध्यक्ष ने कहा – शिक्षा के साथ बच्चों को संस्कृति व अध्यात्म से भी जोड़ा जा रहा है
- ॐ नमः शिवाय की गूंज से पूरा परिसर हुआ भक्तिमय
- स्थानीय ग्रामीणों ने बच्चों की आस्था को सराहा, समाज को मिला सकारात्मक संदेश
सरनाधाम में पहली सोमवारी पर उमड़ा भक्ति भाव
गारु प्रखंड के बारेसाढ़ स्थित सरनाधाम में श्रावण मास की पहली सोमवारी को विशेष आयोजन किया गया, जहां मानस मणि दीप सेवा संस्थान में रहने वाले अनाथ और जरूरतमंद बच्चों ने पूरे दिन व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना की। इस आयोजन ने न केवल बच्चों के मनोबल को ऊंचाई दी, बल्कि पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया।
भक्ति और अनुशासन का मिलन
सुबह से ही बच्चों ने भजन, कीर्तन, शिव स्तुति और ध्यान कर दिन की शुरुआत की। “ॐ नमः शिवाय” के गूंज से परिसर गूंज उठा। पूजा के दौरान बच्चों ने बेलपत्र, भस्म, भांग, धतूरा, पुष्प और जल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।
पूरे दिन व्रत रखकर बच्चों ने आत्मसंयम, भक्ति और अनुशासन का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसे देख उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों और भक्तों ने उनकी भक्ति भावना की सराहना की।
संस्था दे रही है संस्कारों की शिक्षा
संस्थान के अध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह ने कहा:
“संस्थान में बच्चों को केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि संस्कृति, धर्म और आध्यात्मिकता का भी समावेश किया जा रहा है। सोमवारी व्रत जैसे आयोजन बच्चों को अनुशासन, भक्ति और आत्मबल सिखाने में अहम भूमिका निभाते हैं।”
उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज को भी एक सकारात्मक संदेश मिलता है। बच्चों ने जिस श्रद्धा और उत्साह से शिव आराधना की, उसने पूरे इलाके में श्रावण मास के शुभारंभ को विशेष बना दिया।

न्यूज़ देखो: संस्कारों से सशक्त हो रही नई पीढ़ी
जहां अधिकांश जगहों पर बच्चों के बीच भटकाव और दिशाहीनता देखी जाती है, वहीं मानस मणि सेवा संस्थान जैसे केंद्र बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कृति और आत्मचेतना से जोड़ने का काम कर रहे हैं। यह न सिर्फ क्षेत्रीय गौरव है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण भी है।
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अध्यात्म से जागृत होती नई चेतना
आइए, इस पावन श्रावण मास में हम भी ऐसी संस्थाओं और प्रयासों को समर्थन दें जो आगामी पीढ़ी को संस्कार, सेवा और साधना की राह दिखा रहे हैं। इस खबर को अधिक से अधिक साझा करें और भक्ति भावना के इस सुंदर उदाहरण को समाज में फैलाएं।