Palamau

झारखंड विश्वनाथ मंदिर में अंतिम सोमवारी पर रुद्राभिषेक के साथ गूंजे भोलेनाथ के जयकारे

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#पलामू #धार्मिकआस्था : सावन की अंतिम सोमवारी पर भक्तों की भीड़ ने रचा इतिहास
  • झारखंड विश्वनाथ मंदिर में हुआ भव्य रुद्राभिषेक का आयोजन।
  • सावन की अंतिम सोमवारी पर हजारों श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ को जल अर्पित किया।
  • मंदिर परिसर में गूंजे बम-बम भोले के जयकारे और भक्ति गीत।
  • इस माह में कुल चार रुद्राभिषेक संपन्न हुए, हर बार रही भीड़।
  • श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ से शांति और समृद्धि की प्रार्थना की।

पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड के तीसीबार पंचायत स्थित झारखंड विश्वनाथ मंदिर में सावन की अंतिम सोमवारी पर आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हर कोई भगवान शिव के चरणों में जल, दूध और बेलपत्र अर्पित कर आशीर्वाद लेने पहुंचा। मंदिर परिसर बम-बम भोले के गगनभेदी नारों और भक्ति गीतों से गूंजता रहा।

सावन की अंतिम सोमवारी पर विशेष रौनक

पलामू जिले के इस प्रमुख धार्मिक स्थल पर इस बार सावन माह में चार रुद्राभिषेक हुए। आयोजन समिति के सदस्य सोना कुमार दुबे ने जानकारी दी कि हर बार भक्तों की भारी संख्या ने इस आयोजन को सफल और दिव्य बनाया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र है और यहां की गई प्रार्थनाएं अवश्य फलदायी होती हैं।

सोना कुमार दुबे ने कहा: “भगवान भोलेनाथ की कृपा से हर आयोजन शांतिपूर्ण और सफल हुआ। भक्तों का उत्साह और श्रद्धा देखने योग्य था।”

भक्तों की भावनाएं और विश्वास

इस अवसर पर रेहला निवासी अमित झा ने बताया कि यहां आने से मन को अद्भुत शांति मिलती है।

अमित झा ने कहा: “तीसीबार स्थित झारखंड विश्वनाथ मंदिर में सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य फलदायी होती है। यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।”

मंदिर परिसर में आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। चन्दन बाबू, अजीत सर, आर्केश प्रसाद सहित कई प्रमुख लोग इस आयोजन का हिस्सा बने। माहौल में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला।

न्यूज़ देखो: आस्था से उपजा सामाजिक समरसता का संदेश

झारखंड विश्वनाथ मंदिर में हुआ यह रुद्राभिषेक न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में सकारात्मकता, भाईचारे और सांस्कृतिक मजबूती का संदेश भी देता है। ऐसे आयोजन हमारी जड़ों को मजबूत करते हैं और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था और एकता से आगे बढ़े समाज

धार्मिक आयोजन न केवल विश्वास का प्रतीक हैं, बल्कि यह सामाजिक एकजुटता और भाईचारे की नींव भी रखते हैं। आइए हम सब इन परंपराओं को सहेजें और जागरूकता फैलाएं। अपनी राय कमेंट में लिखें, और इस खबर को दोस्तों व परिवार के साथ शेयर करें ताकि संस्कृति का संदेश दूर तक पहुंचे।

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Tirthraj Dubey

पांडु, पलामू

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