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सावन की अंतिम सोमवारी पर बरवाडीह के शिवालयों में उमड़ा भक्तों का सैलाब, पहाड़ी मंदिर से लेकर पंचमुखी धाम तक गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे

#बरवाडीह #श्रावण : शिवभक्ति के रंग में रंगा पूरा प्रखंड, सुबह से देर शाम तक मंदिरों में रही श्रद्धालुओं की भीड़

श्रावण मास की अंतिम सोमवारी पर लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड में आस्था और भक्ति का ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने पूरे वातावरण को शिवमय बना दिया। सुबह होते ही श्रद्धालु स्नान-ध्यान के बाद विभिन्न शिवालयों का रुख करने लगे। हर-हर महादेव के जयघोष से गलियां और मार्ग गूंज उठे। भक्तों ने पूरे विधि-विधान से व्रत रखकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। पारंपरिक पूजा में जल, दुग्ध, बेलपत्र, धतूरा, चंदन और पुष्प अर्पित कर शिव आराधना की गई।

पहाड़ी शिव मंदिर में उमड़ा जनसैलाब, पूरे दिन चला पूजा-अर्चना का दौर

बरवाडीह का प्रसिद्ध पहाड़ी शिव मंदिर सावन की चौथी सोमवारी पर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। पहाड़ी की चढ़ाई के बावजूद भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। तड़के से शुरू हुआ जलाभिषेक का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। मंदिर परिसर में शंखनाद, घंटे-घड़ियाल और हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। इस अवसर पर कांग्रेस स्टेट कोऑर्डिनेटर विजय बहादुर सिंह ने भी पूजा-अर्चना कर प्रदेश और जनता की खुशहाली की कामना की।

पंचमुखी शिव मंदिर से लेकर बेतला तक शिवालयों में रौनक

बरवाडीह पहाड़ी मंदिर के अलावा पंचमुखी शिव मंदिर, लाभार नाका मंदिर, पोखरी, बेतला, छिपादोहार, लात, केचकी, मंगरा, मंडल, कुटमू और केड शिव मंदिरों में भी सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हर मंदिर में बेलपत्र, धतूरा और पुष्पों की सजावट के बीच भक्तों ने पारंपरिक पूजा की। कई परिवारों ने सामूहिक रूप से आरती और भजन का आयोजन किया।

शाम को भक्ति रस में डूबा पूरा प्रखंड

दिनभर पूजा-अर्चना के बाद शाम को कई मंदिरों में सामूहिक आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। महिलाएं, युवा और बच्चे नृत्य करते हुए भक्ति गीतों में लीन हो गए। वातावरण में ऐसी आध्यात्मिक ऊर्जा थी जिसने हर भक्त को सकारात्मकता से भर दिया।

न्यूज़ देखो: परंपरा और श्रद्धा के संगम का संदेश

सावन की चौथी सोमवारी ने फिर साबित कर दिया कि धार्मिक आयोजन सिर्फ आस्था तक सीमित नहीं, बल्कि यह सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक धरोहर को भी मजबूत करते हैं। बरवाडीह में प्रशासन और समाज के प्रयासों से सुरक्षित और व्यवस्थित माहौल में भक्तों ने पूजा का आनंद लिया। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिवभक्ति और सामाजिक समरसता से बनेगा मजबूत कल

सावन का यह उत्सव न सिर्फ आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि हमें एकजुटता और सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश भी देता है। अब समय है कि हम इस सांस्कृतिक परंपरा को संरक्षित रखें और ऐसे आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभाएं। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि यह सकारात्मक संदेश और आगे तक पहुंचे।

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